70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग या फिर दिव्यांग अपने ही पैसों के लिए बैंकों में परेशान नजर आते हैं। यहां तक कि कभी-कभी इन बुजुर्गों और दिव्यांगोें को बैंककर्मियों की झिड़की का सामना भी करना पड़ता है। और तो और बैंक अधिकारी ऐसे अक्षम लोगों को उनका काम किए बिना यह कहकर बैंक से वापस भेज देते हैं कि अभी खाते में उनके पैसे नहीं आए हैं या फिर उनका चेक नहीं बना है आदि-आदि।
लेकिन अब बुजुर्गों और दिव्यागों के सामने बैंककर्मियों की ये बहानेबाजी नहीं चलेगी। दरअसल आरबीआई की ओर गुरुवार को जारी किए गए निर्देश में देश के सभी बैंकों से कहा गया कि 70 साल या उससे अधिक उम्र के वृद्ध लोगों और दिव्यांगों को उनके घर जाकर सभी सामान्य बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। आरबीआई ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि बुजुर्गों और दिव्यांगों को दी जाने वाली ये सभी बैंकिंग सुविधाएं 31 दिंसबर से लागू की जाए।
बुजुर्गों-दिव्यांगों को घर बैठे मिलेंगी यह सुविधाएं:
- बैंक अकाउंट पैसे जमा कराना
- चेक बुक उपलब्ध कराना
- बैंक अकांउट से पैसे निकालना
- डिमांड ड्राफ्ट मुहैया कराना
- जीवित होने को सर्टिफाई करना
- केवाईसी दस्तावेज जमा कराना
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने आदेश में यह कहा है कि 31 दिसबंर तक लागू किया जाने वाला यह फैसला बुजुर्गों और दिव्यांगों की परेशानियों को ध्यान में रखकर लिया गया है। आरबीआई ने यह भी कहा कि कई बार वरिष्ठ बैंक अधिकारी बुजुर्गों और दिव्यांगों को हतोत्साहित करते हैं, यहां तक कि उन्हें बैंक से वापस भी लौटा दिया जाता है।
बुजुर्गों—दिंव्यांगों की मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें सभी सामान्य बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि आरबीआई का यह निर्देश सार्वजनिक बैंकों के अतिरिक्त छोटे वित्तीय संस्थानों तथा पेमेंट बैंक्स के लिए भी है।
आरबीआई ने कहा है कि 31 दिसंबर 2017 से बुजुर्गों और दिव्यांगों को मिलने वाली उपरोक्त सभी सामान्य बैंकिंग सुविधाओं की जानकारी बैंककर्मियों को अपने-अपने ब्रांचों तथा वेबसाइट्स पर देनी होगी।
रिजर्व बैंक की ओर से जारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि सभी सेविंग अकाउंट होल्डर्स को प्रतिवर्ष कम से कम 25 चेकबुक बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराई जाए। यही नहीं आरबीआई ने यह भी कहा है कि पेंशर्स जीवन प्रमाण पत्र को पेंशन भुगतान करने वाले बैंक के किसी भी शाखा में जमा कराया जा सकता है।