गुजरात चुनाव हर किसी के लिए अब सर्वोच्च हो गया है। चुनाव जीतने की चाहत राजनेताओं में इतनी ज्यादा है कि बोलते समय वो ना पद का ख्याल रख रहें हैं, ना कद का ख्याल रख रहें हैं और ना हद का ख्याल रख रहें हैं।
अब ताजा मामले में मध्य प्रदेश के उज्जैन से सांसद तथा बीजेपी प्रवक्ता चिंतामणी मालवीय, राहुल गाँधी पर अपने दिए एक विवादित बयान के कारण मीडिया में आ गए है। उनका यह बयान सीधे तौर पर राहुल गाँधी पर है। अपने बयान में उन्होने राहुल गाँधी की तुलना एक एक वेश्या से किया है।
राहुल गाँधी के मंदिरो में जाने और देवी देवताओं के दर्शन करने पर उन्होने ऐतराज जताते हुए कहा है कि राहुल का धर्मनिरपेक्षता सिर्फ दिखावा है। इतना तक तो ठीक था लेकिन बीजेपी सांसद ने अपने शब्दों कि मर्यादा का उल्लंघन करते हुए राहुल गाँधी पर विवादित टिपण्णी कर दिया। उन्होने कह दिया कि राहुल गाँधी की धर्मनिरपेक्षता बिलकुल वैसी ही है जैसे एक वेश्या की धर्मनिरपेक्षता होती है।
राहुल गाँधी के मंदिरों में जाकर लड़कियां छेड़ने वाले बयान को भी उन्होने याद किया और कांग्रेस से पुछा क्या राहुल अपने उस बयान पर तब भी कायम है जब वो गुजरात के मंदिरों में होते है? उन्होने कहा राहुल की धर्मनिरपेक्षता जगह और समय के अनुकूल होती है। समय आने पर वो जालीदार टोपी पहन लेते है और समय आने पर वो गौवंश की पूजा करते है।
भले ही राहुल इस चुनाव में किसी भी राजनेता पर सीधा हमला करने से बच रहे है, लेकिन बीजेपी राहुल पर हमला करने में जरा भी पीछे नहीं हट रही। चिंतामणी ने राहुल से जवाब माँगा है कि केरल में कांग्रेस पार्टी सरे आम गाय काटकर जश्न मनाती है और गुजरात में आप गाय की पूजा करते है। आपका असली रूप क्या है? गुजरात वाला या केरल वाला?
राहुल अपने विवादित बयानों से हर बार विपक्ष के निशाने पर आ जाते है। ऐसी हालत में अक्सर समूचे कांग्रेस पार्टी को उनके बचाव में आना पड़ता है। लेकिन इस बार वो अपना हर बयान सोच समझकर दे रहें हैं। हाल ही में राहुल गाँधी ने पीएम मोदी के बारे में कहा था कि वो मोदी कि आलोचना करते हैं लेकिन भारत के प्रधानमंत्री होने के नाते मोदी का अपमान नहीं करते। राहुल के इस बयान के बाद माना जाने लगा था कि इस चुनाव को कूटनीति के साथ लड़ा जाएगा।
लेकिन हर चुनाव की तरह गुजरात विधान सभा चुनाव भी अब बयानवीरों के अनावश्यक बयानों से बचता हुआ नजर नहीं आ रहा। बीजेपी सांसद चिंतामणी ने फिल्म पद्मावती के रोक का भी समर्थन किया और कहा जिस चीज़ से लोगो की भावनाए भड़के उसको समाज में लाना ही नहीं चाहिए।