भारत और चीन सोमवार को सीमा के मामलो पर 14 वीं चरण की वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोआर्डिनेशन पर चर्चा की थी। भारतीय प्रतिनिधि समूह की अध्यक्षता विदेश मंत्रालय के पूर्वी एशिया के जॉइंट सेक्रेटरी नवीन श्रीवास्तव ने किया था।
चीनी पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल ऑफ़ द डिपार्टमेंट ऑफ़ बाउंड्री एंड ओशनिक होन्ग लिआंग करेंगे। वार्ता के दौरान दोनों पक्ष सीमा इलाको के हालात पर चर्चा की थी। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि “दोनों पक्ष विश्वास बढाने के कदमो के प्रभावी अमल की प्रगति की समीक्षा की ताकि मजीद संयुक्त विश्वास और समझ का विस्तार हो सके।”
बयान में कहा कि “सीमा इलाके में शान्ति और धैर्य की स्थापना करना बेहद महत्वपूर्ण है। दोनों पक्षों की तरफ से पूर्ण द्विपक्षीय संबंधो का सुगम विकास होगा।” दोनों पक्ष सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर नियमित सूचना का आदान प्रदान करते रहते हैं ताकि सीमा के इलाकों में शान्ति और धैर्य को कायम रखा जा सके।
यह डब्ल्यूएमसीसी के फ्रेमवर्क के तहत किया था। डब्ल्यूएमसीसी का गठन साल 2012 में एक संस्थागत तंत्र के तौर पर हुआ था और भारत-चीन सीमा इलाके के प्रबंधन पर परामर्श और समन्वय के लिए होता है। यह संवाद और सहयोग की मजबूती पर विचारो के आदान-प्रदान के भी बनायीं गयी थी। इसमें दोनों पक्षों के सीमा सशस्त्र सैनिक भी शामिल है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों पक्ष सहूलियत के लिहाज से डब्ल्यूएमसीसी की अगली बैठक के आयोजन के लिए रजामंद है।