राज्य द्वारा संचालित भारत संचार निगम लिमिटेड एक ऐसा कदम उठाने का विचार कर रहा है जिससे बीएसएनएल के कर्मचारियों की संख्या 54000 तक कम हो सकती है। इसके साथ ही कुछ समय पहले यहाँ खबर भी आई थी की बीएसएनएल वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम पर भी विचार कर रहा है।
बीएसएनएल की है ये है योजना :
हाल ही में बीएसएनएल द्वारा पेश की गयी एक रिपोर्ट के अनुसार 15 फरवरी को बीएसएनएल की बोर्ड मीटिंग होगी जिसमे ऐसे कुछ उपायों पर चर्चा की जायेगी जिससे की कर्मचारियों की संख्या कम की जा सके। इन्ही में से एक उपाय जोकि बीएसएनएल करने की सोच रहा है वह यह है की रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष से 58 वर्ष कर दी जायेगी।
डेक्कन हेराल्ड के मुतबिक ऐसा करने से 54451 कर्मचारियों के इस कंपनी से निकलने के आसार हैं। इसके साथ साथ ही बीएसएनएल वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम लागू करने की भी सोच रहा है जिसके अंतर्गत जो भी कर्मचारी रिटायरमेंट लेना चाहते हैं वे 60 की उम्र से पहले ही रिटायरमेंट ले सकते हैं।
एलटीसी और मेडिकल भत्ते में भी कटौती :
कुछ समय पहले दी गयी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि राज्य-संचालित दूरसंचार बीएसएनएल ने कर्मचारी लाभ को कम कर दिया है और मौजूदा बाजार परिदृश्य में खुद को बनाए रखने के लिए खर्च में भारी कटौती करने के विभिन्न उपाय ढूंढ रहा है।
पिछले साल भी बीएसएनएल ने ऐसे लाभों में कटौती करके करीब 2500 करोड़ रूपए बचाए थे। इस साल भी इसकी समान ही कुछ योजना है। बतादें की बीएसएनएल के कुल 1.8 लाख कर्मचारी है जिससे इसका अनुमानित वार्षिक खर्च 15000 करोड़ हो जाता है। वर्तमान में कर्मचारी लाभों में कटौती करके इसने करीब 625 करोड़ रूपए बचाए हैं।
बीएसएनएल के चेयरमैन का बयान :
बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने डीएनए मनी से कहा, “हम बिजली, प्रशासनिक खर्चों में कटौती कर रहे हैं और अपने कर्मचारी लाभों को फ्रीज कर रहे हैं। फिलहाल, हम कोई एलटीसी (यात्रा रियायत लाभ) आदि नहीं दे रहे हैं। चिकित्सा के खर्चों पर भी नियंत्रण किया जा रहा है।
उन्होंने ऐसा किये जाने के पीछे यह कारण बताया की कर्मचारियों के लाभों में कटौती करके हम वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम के लिए पैसे बचा रहे हैं। ऐसे उपाय करके वे लगभग 13000 करोड़ तक की बचत कर सकते हैं जिसको दुसरे क्षेत्रों और घाटे को कम करने के लिए लगाया जा सकता है।