पिछले हफ्ते देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हुई छेड़छाड़ की घटना के बाद छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा था। विश्वविद्यालय परिसर में बन रहे असुरक्षा के माहौल के खिलाफ बीएचयू की छात्राओं ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था और सिंह द्वार पर एकत्रित हो गई थी। तीसरे दिन अर्ध रात्रि को इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्राओं से हॉस्टल खाली करा लिया था। देशभर में छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया था और सत्ताधारी भाजपा सरकार को इसका दोषी माना था। इसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वविद्यालय प्रशासन को स्थिति नियंत्रण के लिए कड़े निर्देश दिए थे और घटना की जाँच रिपोर्ट मांगी थी।
हालात का जायजा लेने वाराणसी पहुँचे उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर विश्वविद्याल प्रशासन सूझबूझ से काम लेता तो स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए उतनी कम है। उन्होंने गैर-भाजपाई दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल इस मामले को आग देकर अपनी सियासी रोटी सेंकने की फिराक में हैं, लेकिन सरकार उन्हें अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होने देगी। वाराणसी के सर्किट हाउस में ठहरे केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय की पवित्र तपोभूमि को कुछ राजनीतिक दलों ने सियासी जंग का अखाड़ा बना लिया है। सरकार छात्र हितों के खिलाफ जाकर उन्हें अपना स्वार्थ नहीं साधने देगी।
वाराणसी के विकास कार्यों की समीक्षा
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने दौरे के दौरान वाराणसी में चल रहे विकास कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों ने बस विकास की योजनाओं की घोषणा भर की पर भाजपा सरकार ने विकास की योजनाओं को असली जामा पहनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि बीएचयू प्रकरण के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वाराणसी के सर्वांगीण विकास के लिए तत्पर है। बता दें कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने बजट के दौरान वाराणसी में बुद्ध सर्किट बनाने और प्रदेश का पहला कल्चरल सेंटर बनाने की घोषणा कर चुके हैं । इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी को राज्य की सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित करने को भी कहा था।
विपक्षी दलों ने बोला हमला
बीएचयू में हुई घटना के लिए विपक्षी दलों ने सत्ताधारी भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताते हुए हमला बोला है। सपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके ओमप्रकाश सिंह ने इस घटना को बीएचयू के इतिहास को कलंकित करने वाली घटना बताया है। उन्होंने कहा कि बीएचयू के गौरवशाली इतिहास पर यह घटना एक काले धब्बे की तरह है। पूर्व में बीएचयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि प्रशासन की नाक के नीचे छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना हुई है। सत्ताधारी सरकार इस मसले पर अपनी सियासी रोटी सेंक रहा है। उन्होंने बीएचयू में छात्रसंघ की मांग करते हुए कहा कि जब दिल्ली विश्वविद्यालय और काशी विद्यापीठ में छात्रसंघ हो सकता है तो फिर बीएचयू में क्यों नहीं? इस पूरी घटना के लिए उन्होंने बीएचयू के कुलपति को जिम्मेदार ठहराया है।
गत दिनों बीएचयू में पीड़ित छात्र-छात्राओं से मिलने पहुँचे मधेपुरा सांसद पप्पू यादव को जिला प्रशासन ने सिंहद्वार पर ही रोक दिया था। पुलिस को अंदेशा था कि उनके अंदर जाने से शांति-व्यवस्था बिगड़ सकती है। बीएचयू में बड़ी संख्या में बिहार के छात्र भी पढ़ते हैं। ऐसे में पप्पू यादव बीएचयू दौरे से बिहार की युवा राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने यहाँ आए थे। प्रवेश ना मिलने से नाराज पप्पू यादव सिंहद्वार पर ही धरने पर बैठ गए। पुलिस ने उन्हें धरने से जबरन उठा दिया तो उन्होंने कुलपति से मिलने की मांग की। कुलपति ने पप्पू यादव से मिलने से इंकार कर दिया। उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में हो रही मनमानी के लिए कुलपति जिम्मेदार हैं। कुलपति की गिरफ्तारी होनी चाहिए।