बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस के समर्थन में आयोजित सभा में भाजपा और जेडीयू के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। सभा में भाजपा, एलजेपी और जेडीयू के विधायकों के साथ हजारों की संख्या में एनडीए कार्यकर्ता शामिल हुए थे। जेडीयू नेता संजय वर्मा ने साझा सभा में भाषण के दौरान जैसे ही कहा कि लोकसभा चुनाव में राम मंदिर चुनाव प्रचार का मुख्य मुद्दा नही हैं, भाजपा के कार्यकर्ता भड़क गए और हंगामा करने लगे।संजय वर्मा का कहना था कि विकास के मुद्दे पर और मौजूदा सांसद रामविलास पासवान के कार्यों के नाम पर वोट मांगा जाए।
बिहार में एनडीए के साझेदार – भाजपा और जेडीयू 17 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि एलजेपी ने छह निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवारों को खड़ा किया हैं।
संजय सिंह के राम मंदिर पर बयान देते ही सभा में मौजूद भाजपा कार्यकर्ता मंच के सामने पहुच गए और हंगामा करने लगे। एलजेपी नेता पशुपति कुमार पारस ने मामले को शांत कराते हुए कहा केवल मीडिया देख सकती हैं पार्टी कार्यकर्ताओं के झगड़े स्थानीय लोगों में किसी बात को लेकर कोई आक्रोश नही हैं।
सूत्रों के अनुसार जेडीयू 14 अप्रैल को अपना घोषणापत्र जारी करने जा रही हैं। जोकि भाजपा के राम मंदिर, धारा 370 और एनआरसी जैसे मुद्दों पर भाजपा से हट कर घोषणा करने जा रही हैं।
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में मंदिर मुद्दें के बजाय, अनुच्छे 370, 35ए और एनआरसी जैसे मुद्दें पर सख्त रूख बनाया हुआ हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने देश भर में एनआरसी लागू करने की कसम तक खा ली हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंदू, सिख या बुद्ध नही हैं उनको बाहर निकाल दिया जाएगा।
वरिष्ठ जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि भाजपा और जेडीयू की विचार धारा एक दूसरे से भिन्न हैं। उन्होने कहा कि हमने एमआरसी पर पहले भी आपत्ति जताई थी और भविष्य में भी यह ही करेंगे। उन्होंने धर्म और सांप्रदायिक बयानों के आधार पर राजनीति करने वाले नेताओं की निंदा की।
त्यागी ने कहा कि मैंने अपने 40-45 वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना आचार सहिंता का उल्लंघन नही देखा होगां जितना 2019 के लोकसभा चुनावों में देख रहा हूं।