बिहार कैबिनेट ने शनिवार को पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) के पुनर्विकास के लिए 5540.07 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी। 5540.07 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पीएमसीएच को 5462 बिस्तर वाले अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। तैयार हो जाने के बाद पीएमसीएच दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल बन जाएगा।
मुख्यमंत्री नितीश कुमार की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में इस परियोजना को मंजूरी दी गई। मीटिंग में इसके अलावा 34 और निर्णय लिए गए।
बिहार के कैबिनेट सेक्रेटरी संजय कुमार ने बताया कि 5540.07 करोड़ रुपये की लागत से पीएमसीएच का पुनर्निर्माण कार्य बिहार मेडिकल सर्विस और इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMSICL) द्वारा किया जाएगा।
पीएमसीएच की स्थापना 1925 में किया गया था।
उन्होने कहा कि इस कदम से राज्य में डॉक्टरों की कमी पर ध्यान देने में मदद मिलेगी और मरीजों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सकेगी।
वर्तमान में पीएमसीएच की कार्यक्षमता 1754 बिस्तरों की है। कैबिनेट सेक्रटरी ने ये भी कहा कि एमबीबीएस सीटों की संख्या 150 से बढ़ा कर 250 की जायेगी।
वर्तमान में आठ सुपर स्पेशियलिटी विभाग वाला ये अस्पताल पुनर्निर्माण के बाद 36 सुपर स्पेशियलिटी विभागों के साथ 5462 बिस्तर वाला दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल होगा। अभी दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल 3500 बिस्तर के साथ बेलग्रेड में है।
अस्पताल को 7 सालों में तीन चरणों के अंतर्गत पुनर्निर्मित किया जाएगा। कैबिनेट सेक्रेटरी ने कहा कि अस्पताल का पुनर्निर्माण कार्य समयसीमा से पूर्व करने के लिए कहा गया है।
कैबिनेट सेक्रेटरी संजय कुमार ने योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यह एक ग्रीन इमारत होगी। वर्तमान में गंगा नदी के साथ बनाया जा रहा समुद्री ड्राइव ‘लोकनायक गंगा पथ’ के साथ इसकी कनेक्टिविटी होगी। इसके अलावा राजधानी में गांधी मैदान में कारगिल चौक से डबल डेकर फ्लाईओवर से भी इसे जोड़ा जाएगा।