बिहार की सत्ताधारी जनता दल (यूनाइटेड) ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के उस खुलासे को बकवास बताया है जिसमे कुशवाहा ने दावा किया था कि नीतीश 2020 के बाद मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहना चाहते।
जेडीयू ने कहा है कि नीतीश इस पद पर तब तक रहेंगे जब तक राज्य को उनकी जरूरत होगी। जेडीयू नेताओं ने कहा कहा कि नीतीश कुमार जनता की पसंद से मुख्यमंत्री बने हैं और राज्य को लम्बे समय तक नीतीश की जरूरत है।
जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा ‘मुख्यमंत्री की कुर्सी कोई रसगुल्ला नहीं है। नीतीश कुमार को जनता ने चुना है और वो बार बार इसीलिए चुने जाते हैं क्योंकि वो जनता की उम्मीदों पर खड़े उतरते हैं।
वरिष्ठ जेडीयू नेता महेश्वर हज़ारी ने कहा कि ‘नीतीश 2020 के बाद भी मुख्यमंत्री बने रहेंगे। जबकि पूर्व मंत्री और पार्टी के जनरल सेक्रेटरी श्याम रजक ने कहा कि ‘नीतीश और कुशवाहा बिछड़े भाई हैं लेकिन नीतीश की लोकप्रियता अतुलनीय है।’
गौरतलब है कि 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जन्मतिथि समारोह में कुशवाहा ने ये ये दावा कर के सनसनी मचा दी थी कि नीतीश ने उन्हें कहा है कि वो 2020 के बाद मुख्यमंत्री नहीं बने रहना चाहते।
कुशवाहा की पार्टी RLSP केंद्र और राज्य में 2 सांसदों और 2 विधायकों के साथ NDA की सहयोगी है। 2013 में जेडीयू से अलग होने के बाद कुशवाहा ने अपनी नयी पार्टी का गठन किया था। राज्य में सहयोगी होने के बावजूद कुशवाहा क़ानून व्यवस्था और शिक्षा को लेकर नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर रहे हैं। उन्होंने बिहार में बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक सरकार के खिलाफ एक रैली का भी आयोजन किया था।
NDA सूत्रों के अनुसार बिहार में नीतीश के वापस NDA में आने के बाद जिस तरह से भाजपा ने RLSP को खुद से दूर कर दिया और जेडीयू के करीब होते चली गई उससे कुशवाहा को बहुत दुख पहुंचा है।
NDA के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ‘यही कारण है कि RLSP नेता ने अब सवाल पूछना शुरू कर दिया है कि बिहार मंत्रालय में उनकी पार्टी क्यों नहीं है ?’
दूसरी तरफ भाजपा ने इस पुरे मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। एक भाजपा नेता ने कहा कि हमारे लिए दोनों ही एक महत्वपूर्ण सहयोगी है। हम दोनों का सम्मान करते हैं।
उधर RJD नेता शिवानंद तिवारी ने कुशवाहा के खुलासा पर कहा कि नीतीश सत्ता के भूखे हैं। वो सत्ता के लिए किसी भी पाले में चले जाएंगे लेकिन कुर्सी नहीं छोड़ेंगे।