इंडोनेशिया के बाली पर्यटक द्वीप के अगुंग पर्वत पर ज्वालामुखी विस्फोट लगातार होने के बाद हवाई अड्डो को बंद कर दिया गया था। साथ ही कई उड़ानों को भी रद्द कर दिया था। प्रशासन ने सोमवार को हाई अलर्ट जारी करते हुए आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जगह खाली करने की चेतावनी जारी की है।
लेकिन अभी तक वहां पर संकट कम नहीं हुआ है। दूसरे दिन मंगलवार को भी हवाई अड्डे बंद है। जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए है। साथ ही दूसरे दिन कई हवाई उड़ानों को रद्द कर दिया है।
बादल पूरी तरह से धुंओं की वजह से घने काले हो चुके है। पर्वत से निकली राख एयरपोर्ट की जमीनों व आस-पास फैल चुकी है। जिससे हवाई दुर्घटना की आशंका ज्यादा हो गई है।
इंडोनेशिया में जारी ज्वालामुखी संकट के मद्देनजर भारत की विदेश मंत्री ने भारतीयों की सुरक्षा की कमान अपने हाथों में ले ली है। सुषमा स्वराज ने कहा कि वह स्थिति पर नजर रख रही है और भारतीय मिशन वहां पर भारतीयों को सहायता प्रदान करने के लिए मौजूद है।
सुषमा स्वराज ने ट्वीट करते हुए कहा कि“बाली में भारतीयों की चिंता करने की जरूरत नहीं है। जकार्ता में भारतीय राजदूत प्रदीप रावत और कौंसल जनरल सुनील बाबू वहां पर आपकी सहायता के लिए मौजूद है। मैं खुद भी व्यक्तिगत तौर पर इसकी निगरानी कर रही हूं।“
I have just spoken to Pradeep Rawat Indian Ambassador in Jakarta @IndianEmbJkt. We have set up a facilitation centre at the airport and are providing assistance to the stranded Indian nationals there. I am in constant touch with our mission. @cgibali
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) November 28, 2017
अगुंग पर्वत पूरी तरह हो चुका लाल व नारंगी
गौरतलब है कि बाली में अगुंग पर्वत ऊपर से पूरी तरह से लाल व नारंगी रंग का हो चुका है। पर्वत में से राख बादलों में आ रही है। यहां पर हो रहे विस्फोटों को 12 किलोमीटर दूर तक सुना जा सकता है।
स्थानीय हवाई अड्डे प्राधिकरण ने मंगलवार को कहा कि सुरक्षा कारणों के लिए शुरूआत में 24 घंटे के लिए हवाई अड्डो को बंद कर दिया गया। ज्वालामुखीय राख विमानों के लिए एक घातक खतरा बन गया है इसलिए आज भी संकट कम नहीं हो जाने तक हवाई अड्डो को बंद रखा गया है।
ज्वालामुखी के बाद बाली में अब बरसात का मौसम भी हो चुका है। इसके अलावा मंगलवार को करीब 1 लाख लोगों को बाली के पास की जगह खाली करने को कहा है।