भारत के त्रिपुरा राज्य में भारत-बांग्लादेश की सीमा पार करते हुए 31 रोहिंग्या शरणार्थियों को गिरफ्तार किया गया था। बीते 15 दिनों में जम्मू-कश्मीर के नारवाल जिले में शिविरों को छोड़ने वाले लगभग 100 रोहिंग्या शरणार्थी थे। बीते मंगलवार को भारतीय सीमा सुरक्षा बल ने रोहिंग्या मुस्लिमों को गिरफ्तार कर त्रिपुरा पुलिस को सौंप दिया था।
यह सभी रोहिंग्या साल 2014 से जमीन पर बनी झुग्गियों में रहते थे। बांग्लादेश में प्रवेश करते हुए 31 रोहिंग्या शरणार्थी तारबंदी में फंस गए थे। जमात अली के बेटे इशफाक ने कहा कि भारत से बांग्लादेश सुरक्षित पंहुचने के लिए 10 हज़ार रूपए दिए थे, इसके लिए उन्होंने अपना सब्भी सामान कौड़ियों के भाव बेच दिया था।
नाजिम उल हक ने बताया कि पुलिस और रेवेनुए डिपार्टमेंट के बायोमेट्रिक जानकारी मांगने के बाद उनकी शांति को जैसे नज़र सी लग गयी थी। उन्होंने कहा कि उनकी सास, साली और रिश्तेदार भी सीमा की तारबंदी में फंसे थे। शरणार्थियों की घरवापसी के लिए राज्य पुलिस बायोमेट्रिक जानकारी की मनाग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अफवाह फ़ैल राखी हैं की सरकार रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने के लिए बायोमेट्रिक जानकारी मांग रही हैं।
उन्होंने कहा कि “भारत सरकार ने बीते साल म्यांमार से रोहिंग्या परिवार के पांच लोगों को म्यांमार वापस भेज दिया था इसलिए यहाँ रह रहे लोगों में भय पैदा हो गया है और वे देश छोड़कर बांग्लादेश की तरफ भाग रहे हैं। उन्होंने कहा की उनकी बभी जाने की योजना थी,उनसे सारे रिश्तेदारों के जाने के बाद वह अकेले रह गए हैं। मेरे पास वक्त पर एजेंट को पैसे देने के लिए इंतजाम नहीं हो पाया था। मैंने उन्हें बादमे मिलने
सोचा की तभी खबर आई कि वे सब सीमा पर फंस चुके हैं। जब हमें पता चला कि हमारा परिवार बांग्लादेश जाने की सोच रहा है, हमने इसके विपरीत उन्हें सुझाव दिया। लेकिन इसके बावजूद सब हमें बिना बताये छोड़कर चले गए।
हाल ही में रोहिंग्या मुस्लिमों ने बताया कि ‘वे मोबाइल टावर के निर्माण कार्य मे लेबर का काम करते हैं। वे सब जम्मू नरवाल बायपास के मोहल्ले में रहते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार ने हमें आतंकवादी कहकर निशाना बनाना शुरू कर दिया था। उन्होंने हमें राज्य छोड़ने के लिए मजबूर किया और हम वहां से भाग निकले थे। अगर हम म्यांमार वापस जाएंगे तो वे हमें मार देंगे, कृपया हमें वहां वापस मत भेजिए।’
मानवीय लिहाज से 6 पुरुषों, 9 महिलाओं और 16 बच्चो को जरूरतमंद चीजे मसलन खाद्य पदार्थ को बीएसएफ मुहैया कर रही है। बंगलादेशी मीडिया के मुताबिक भारतीय सीमा सुरक्षा बल के सैनिक जबरन रोहिंग्या मुस्लिमो को सीमा पार करवाकर बांग्लादेश में भेज रहे हैं।