बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बहुमत सिद्ध करने के लिए बिहार विधानसभा पहुँच गए हैं। जेडीयू में उठते बगावती सुरों के बीच नीतीश कुमार को आज सुबह 11 बजे विधानसभा के विशेष सत्र में अपना बहुमत सिद्ध करेंगे। गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ते हुए अपने पुराने सहयोगी भाजपा का हाथ थाम लिया था। उनके इस कदम से उनकी अपनी ही पार्टी में विरोध के स्वर फूटने लगे थे और कई वरिष्ठ नेता बगावत पर उतर आये थे। नीतीश ने यह कदम बिहार के उपमुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव की भ्रष्टाचार के आरोपों में संलिप्तता के बाद उठाया। जहाँ लालू यादव ने इस पर नीतीश कुमार को भस्मासुर कहा था वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने उन्हें धोखेबाज की संज्ञा दी थी।
शरद यादव का रुख होगा महत्वपूर्ण
पूर्व जेडीयू अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने नीतीश कुमार के इस कदम को ‘गलत’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि इस फैसले से बिहार की जनता में गलत संदेश जायेगा। उनके बागी होते तेवरों को देखते हुए जेडीयू नेता केसी त्यागी ने उनसे बात की थी। शाम को उनके आवास पर हुई जेडीयू के नाराज विधायकों की बैठक के बाद खुद नीतीश कुमार ने भी उनसे बात की थी। भाजपा ने शरद यादव को मनाने का जिम्मा उनके पुराने मित्र अरुण जेटली को सौंपा था। अरुण जेटली ने शरद यादव से बात कर उन्हें भाजपा-जेडीयू गठबंधन के फायदे बताये और केंद्र में उनको महत्वपूर्ण भूमिका का आश्वासन दिया। बातचीत के बाद शरद यादव के तेवर नरम नजर आये।
शरद यादव के अलावा बागी रुख अपनाने वालों में अली अनवर भी थे जिन्होंने शाम को हुई बैठक के बाद स्पष्ट किया कि पार्टी में बगावत का माहौल नहीं है। कल अली अनवर ने ही कहा था कि भाजपा के साथ जाने को उनकी अंतरात्मा गवाही नहीं देती।
कांग्रेस से बगावत कर सकते हैं 18 विधायक
कांग्रेस के 18 विधायक एनडीए में शामिल हो सकते हैं। इस खबर ने बिहार कांग्रेस के साथ-साथ लालू यादव की भी नींद उड़ा दी है। ये विधायक तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर महागठबंधन के रुख से नाराज थे। वर्तमान में बिहार में कांग्रेस के 27 विधायक हैं और 18 विधायकों के एनडीए में शामिल होने से पार्टी हाशिए पर आ जायेगी।
लालू पर लगा पुत्रमोह का आरोप
गायघाट से आरजेडी विधायक महेश्वर यादव ने गठबंधन टूटने का कारण लालू यादव के पुत्रमोह को बताया है। उन्होंने कहा कि लालू और तेजस्वी के जिद न छोड़ने की वजह से ही नीतीश कुमार कुमार भाजपा के साथ गए हैं। उनके इस बयान के बाद आरजेडी में भी मतभेद सामने आये हैं और बगावत की आशंका बढ़ गई है। आशंका जताई जा रही है कि आरजेडी के 10-15 विधायक नीतीश का साथ थामेंगे।