ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन के आवास के बाहर शुक्रवार को बलोच राजनीतिक कार्यकर्ता एकत्रित हुए और पाकिस्तान की कैद से सैकड़ो बलोच कार्यकर्ताओं की रिहाई में तत्काल दखल देने के लिए प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन का आयोजन बलोच नेशनल मूवमेंट ने लापता होने के अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर किया था।
प्रदर्शनकारियों ने सेना के खिलाफ बलोच कार्यकर्ताओं के अपहरण, अत्याचार और हत्या के खिलाफ नारेबाजी की थी। “पाकिस्तानी सेना एक आतंकवादी सेना” के नारे प्रदर्शन के दौरान लगाये गए थे।
बीएनएम् के नेता हाकिम बलोच ने कहा कि “बलोच कार्यकर्ता पाकिस्तान की सेना की तरफ से सबसे बुरी बर्बरता को झेल रहे हैं। उनका अपहरण होता है, प्रताड़ना दी जाती है और हत्या कर दी जाती है। आज हम यहाँ दुनिया को यह बताने के लिए है कि बलोच लोगो के साथ क्या हो रहा है।”
बीएनएम् ने ब्रितानी पीएम के समक्ष एक ज्ञापन पत्र दिया है और ब्रितानी सरकार से आग्रह किया है कि वह पाकिस्तान की वित्तीय सहायता पर रोक लगाये और बलोच नागरिको की सुरक्षा के लिए दबाव बनाये जिन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार किया है।
एक पत्र के मुताबिक, 20000 से अधिक मानव अधिकार अभियानकर्ता, शिक्षाविद, पत्रकार, छात्र, वकील और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गायब किया गया है जबकि 6000 लोग पाकिस्तान की हिरासत में प्रताड़ित या मार दिए गए हैं।
इसके मुताबिक, यूएन कार्यकारी समूह, कई स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठनो और पाकिस्तानी न्यायिक को मालूम है कि पाकिस्तान की सेना और ख़ुफ़िया एजेंसी कार्यकर्ताओं के लापता होने में संलिप्त है। आज तक एक भी आरोपी की न्यायिक अदालत में सुनवाई नहीं हुई है और न ही ऐसे अपराधो को रोकने के लिए किसी भी तरीके का अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया गया है।