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    अमेरिका और उत्तर कोरिया

    उत्तर कोरिया के राजनयिक ने शनिवार को कहा कि “अमेरिका के साथ वार्ता की उम्मीदे खत्म होती जा रही है।” प्रथम उप विदेश मंत्री चोए सों हुई ने अमेरिका को चेतावनी दी कि प्योंगयांग के धैर्य की परीक्षा न ले। साथ ही बताया कि माइक पोम्पियो के बयान ने दोनों देशो के बीच कार्यकारी स्तर की वार्ता को बहाल करने की उम्मीदों को मुश्किल बना दिया है।”

    चोई ने उत्तर कोरिया के आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी से एक बयान में कहा कि “यूएस के साथ बातचीत की हमारी उम्मीदें धीरे-धीरे खत्म हो रही हैं और हमें अब तक किए गए सभी कदमो की पुनःसमीक्षा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।”

    उन्होंने कहा कि “हम अमेरिकी शीर्ष राजनयिक के विचारहीन बयान के पीछे की असलियत को जानने के लिए बहुत उत्सुक हैं और हम देखेंगे कि उनका क्या आंकलन है।” अमेरिका के लिए बेहतर होगा कि वह ऐसे बयानों से हमारी धैर्य की परीक्षा न ले। ऐसे बयान हमें परेशान करते हैं, ऐसा कुछ न हो कि पछताना पड़े।”

    पोम्पियो ने मंगलवार को एक भाषण में कहा कि “उत्तर के दुष्ट व्यवहार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और अमेरिका के पास उत्तर कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण करने के लिए पर्याप्त वैश्विक समर्थन है।”

    उनका बयान तब आया जब वॉशिंगटन ने शुक्रवार को तीन शिपिन्फ़ कंपनियों को प्रतिबंधित कर दिया था जो अवैध तरीके से उत्तर कोरिया को रिफाइंड पेट्रोलियम ट्रान्सफर करता था। अमेरिका ने उत्तर के खिलाफ प्रतिबंधों को जारी रखने का संकल्प लिया है जब तक कि सरकार अपने परमाणु कार्यक्रम को समाप्त नहीं करता है।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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