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    मानव तस्करी

    कोलकाता, 5 जुलाई (आईएएनएस)| राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने बीते महीने 120 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की ‘कॉरपोरेट टाइप तस्करी’ में चाचा-भतीजेकी जोड़ी को गिरफ्तार किया है। इस जोड़ी पर कोफेपोसा (कंजर्वेशन ऑफ फारेन एक्सचेंज एंड प्रिवेंशन ऑफ स्मगलिंग एक्टिविटीज) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

    एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के डानकुनी टोल प्लाजा पर एक बस के अंदर एक व्यक्ति के पास से आठ किलो सोना व 24,000 रुपये नकद जब्त करने से मिले संकेतों के आधार पर डीआरआई कर्मियों ने ‘चाचा-भतीजे की जोड़ी’ को गिरफ्तार किया, जो विभिन्न सीमावर्ती इलाकों से बड़ी मात्रा में तस्करी किया सोना लाने में मददगार थे।

    डीआरआई ने कहा, “जांच में खुलासा हुआ है कि अशोक जालान बहुत ही प्रभावी व सहज तरीके से समन्वित कॉरपोरेट टाइप तस्करी का संगठन अलग-अलग मंडलों में चला रहा था। तस्करी के दौरान होने वाले अलग-अलग कामों के लिए उसने अलग-अलग लोग रखे हुए थे। अपने इसी सांगठनिक ढांचे के कारण वह बीते पांच सालों से खुद को गुप्त रखते हुए अपना तस्करी का धंधा चला रहा था।”

    डीआरआई ने कहा, “मास्टरमाइंड ने स्वीकार किया कि जब्त किए गए 420 किलो सोने के मामले में उसका हाथ था, सोने की कीमत 120 करोड़ रुपये थी। इसके साथ ही 7,50,000 डॉलर जब्त किया गया। अमित जालान उसका करीबी विश्वासपात्र है और उसका भतीजा है।”

    जांच से खुलासा हुआ है कि अशोक जालान वाणिज्यि से स्नातक है। वह टूथब्रश व वाशिंग ब्रश का छोटा व्यवसायी था और कभी-कभी सोने व चांदी की दलाली का काम करता था।

    धीरे-धीरे वह बांग्लादेश के संचालकों के साथ हवाला लेन-देन में शामिल हो गया, जिसने सिंगापुर, दुबई व हांगकांग के जरिए काम किया। उपभोक्ता की जरूरत के अनुसार वह चीनी युआन या यूएस डॉलर के टीटी (टेलीग्राफिक ट्रांसफर) की व्यवस्था करता था।

    यह तीसरी बार है कि अशोक जालान, कोफेपोसा के तहत गिरफ्तार किया गया है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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