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    आकश विजयवर्गीय

    भोपाल, 5 जुलाई (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के इंदौर में नगर निगम के एक अधिकारी की क्रिकेट के बल्ले से पिटाई करने के मामले में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बाद से वे सभी नेता सशंकित हैं, जिन्होंने या तो सड़क पर उतर कर आकाश का साथ दिया, या उनका स्वागत किया और उनके पक्ष में बयानबाजी की।

    इंदौर में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम के एक अधिकारी की क्रिकेट के बल्ले से पिटाई की, जिसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ा। लेकिन आकाश जब जमानत पर जेल से रिहा हुए तो पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। आकाश भाजपा महाचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र हैं।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाद में इंदौर की घटना पर सख्त टिप्पणी की और उसके बाद गुरुवार को आकाश को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसके बाद से वे सभी नेता सशंकित हैं, जिन्होंने आकाश के समर्थन में धरना-प्रदर्शन किया था और जेल से छूटने पर उनका स्वागत किया था।

    भाजपा के इन नेताओं में महेंद्र हाíडया, रमेश मेदोला, जीतू जिराती, गोपी कृष्ण नेमा, चंदू शिदे, सुमित मिश्रा सहित कई बड़े नेता भी मौजूद थे। इतना ही नहीं, पूर्व मंत्री विजय शाह ने आकाश विजयवर्गीय का बचाव किया था, मगर प्रधानमंत्री मोदी का बयान आने के बाद ये सारे नेता चुप्पी साधे हुए हैं।

    भाजपा की इंदौर नगर इकाई के अध्यक्ष गोपी कृष्ण नेमा ने आकाश को नोटिस जारी किए जाने पर कोई प्रक्रिया तो नहीं दी। उन्होंने अपने संदर्भ में कहा, “अभी तक इस मामले में न तो कोई नोटिस आया है और न ही वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस संबंध में कोई चर्चा की है।”

    भाजपा सूत्रों के अनुसार, ऐसी संभावना थी कि आकाश को पार्टी माफ कर देगी, क्योंकि वह वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र हैं। मगर उन्हें नोटिस जारी किया गया है। इससे इस बात की आशंका बढ़ गई है कि अन्य नेताओं को भी नोटिस जारी हो सकते हैं। नोटिस का जवाब देने के बाद पार्टी आकाश पर शायद कुछ रहम कर दे, मगर दीगर नेताओं का क्या होगा यह कोई नहीं जानता।

    पार्टी सूत्रों ने बताया, “आकाश को नोटिस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दखल के बाद जारी किया गया है। प्रदेश इकाई पूरी तरह पसोपेश में थी कि आखिर इस मसले पर क्या किया जाए। क्योंकि यह मामला कैलाश विजयवर्गीय के बेटे से जुड़ा हुआ था।”

    लेकिन नोटिस भेज दिए जाने के बाद भी पार्टी का कोई भी नेता और पदाधिकारी सामने आकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।

    भाजपा के एक सूत्र ने कहा, “इंदौर की घटना पर प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुसार सभी पर कार्रवाई होती है तो इस क्षेत्र के तमाम दिग्गज नेताओं पर आंच आनी तय है, क्योंकि आकाश के समर्थन में दिए गए धरना-प्रदर्शन में इंदौर के प्रमुख नेता पहुंचे थे, जिनका विजयवर्गीय से करीब का नाता है। लेकिन सुमित्रा महाजन गुट के ज्यादातर नेता इससे दूर रहे थे।”

    राज्य की कमलनाथ सरकार पर हर रोज हमले बोलने वाली भाजपा इस घटना को लेकर बीते एक सप्ताह से बचाव की मुद्रा में आ गई है।

    इस बीच, कांग्रेस ने भाजपा पर तंज कसा है। पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विधायक आकाश विजयवर्गीय को भाजपा से निकाले जाने की साफ मंशा के बावजूद, पार्टी ने निष्कासन की ठोस कार्रवाई के बजाय कारण बताओ नोटिस का दिखावा किया है।

    इससे साफ है कि कैलाश विजयवर्गीय और अमित शाह के मधुर संबंधों के चलते प्रधानमंत्री की मंशा की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और अराजक और हिसक ‘बल्लामार’ विधायक के निष्कासन के बजाय राष्ट्रीय और प्रदेश संगठन लाचार होकर मूकदर्शक बने हुए हैं।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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