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    अमेरिका फ़िलीपीन्स

    2016 में सत्ता संभालने के बाद अमेरिका के विरोध के चलते अपने विवादस्पद बयानों के चलते चर्चा में रहे फिलिपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने अमेरिका के साथ साझा युद्ध अभ्यास की घोषणा की।

    अपने देश फिलीपिंस और क्षेत्र में अमेरिकी सेना की मौजूदगी से राष्ट्रपति दुतेर्ते को हमेशा परेशानी रही हैं और वे अपने चिंता, नाराजगी कई बार प्रकट भी कर चुके हैं।

    चीन का दक्षिण चीन सागर में बढता हस्तक्षेप, चीनी नौसेना का क्षेत्र में लड़ाकू जहाजों की तैनाती करना प्रान्त के देशों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा हैं। कई द्वीपों से बना देश फिलिपींस भी इससे अछूता नहीं हैं। इसीलिए फिलिपींस और अमेरिका के बीच साझा नौसेना अभ्यास होगा।

    फिलिपींस और अमेरिका के कुल 8000 नौसेनिक इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे, फिलिपींस के इतिहास में इससे पूर्व इस स्तर का युद्ध अभ्यास नहीं किया गया। इस अभ्यास में अमेरिका के ओर से 3,000 नौसेनिक और फिलिपींस नौसेना की ओर से 5,000 नौसेनिक हिस्सा लेंगे। फिलिपींस रक्षा मंत्रालय के अनुसार 10 दिनों तक चलने वाले इस युद्ध अभ्यास का मुख्य हेतु दहशतवाद विरोधी गतिविधियों से समन्वय के साथ निपटाना हैं।

    इससे एक साल पहले, अमेरिकी सेना के स्पेशल फोर्सेस के सिपाही फिलिपींस सरकार को इस्लामिक स्टेट से लड़ने में मदत करने आये थे। अमेरिकी बलों की मदत से फिलिपींस सरकार ने ‘मारावी’ शहर को फिरसे अपने नियंत्रण में लिया हैं। फिलपींस मरीन लेफ्टिनेंट जनरल इम्मानुएल सलामत के अनुसार अमेरिकी बलों के साथ मारावी शहर में इस्लामिक स्टेट के विरूद्ध लढी गयी लढाई से फिलिपींस के सैनिकों ने महत्त्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किये हैं, जिनका भविष्य में उपयोग होगा।

    अमेरिकी सरकार की मदत और समर्थन के बावजूद फिलिपींस की सरकार का अमेरिका का प्रति रुख कुछ ख़ास नहीं है। देश में सुरक्षा परिस्थितियों को और उनकी गंभीरता को देखते हुए 2016 में फिलपींस की सर्वोच्च न्यायलय ने अमेरिकी बलों की फिलिपींस में वापसी के आदेश दिए थें। आपको बतादे सत्ता सँभालने के बाद राष्ट्रपति दुतेर्ते अमेरिकी सेना को अमेरिका वापस भेजने की चेतावनी दे चुके हैं।

    अमेरिका सरकार और सेना चीन के आक्रामक रवय्ये के चलते फिलिपींस को अपना रणनीतिक साझेदार मानता हैं। दक्षिण चीन सागर में चीन के बड़ते प्रभाव को कम करने के लिए अमेरिका अपने वायुसेना के लडाकू जहाज फिलिपींस के एयरबेस पर रखना चाहता हैं, जिसे फिलिपींस सरकार के पिछले महीने में मंजूरी दे दी थी।

    उम्मीद हैं अमेरिका और फिलिपींस का यह साझा युद्ध अभ्यास चीन के प्रभाव को कुछ हद तक कम करेगा।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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