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    निकाय चुनाव,फर्रुखाबाद

    फर्रुखाबाद एक नगर निकाय चुनाव के लिये जिला निर्वाचन अधिकारी की देखरेख में पोलिंग पार्टी अपने-अपने बूथों के लिये रवाना हो गये, सभी को जिलाधिकारी ने कड़े निर्देश दिये। सुबह लगभग 7:30 बजे मतदान कर्मियों का सातनपुर आलू मंडी ने शुरू हो गया था सुबह 10 बजे तक अधिकतर मतदान कर्मी पंहुच गये। वही जिलाधिकारी मोनिका रानी ने मतदान कर्मियों से बातचीत कर उन्हें आवश्यक निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने लेट पंहुचे कई महिला कर्मियों की क्लास लगा दी। एक महिला मतदान कर्मी अपने बच्चे को लेकर पंहुची तो उन्होंने क्लास लगा दी। उन्होंने साफ कहा की जो भी मतदान कर्मी अपनी डियूटी पर तैनात नही होगा उसके खिलाफ पहले एफआईआर दर्ज करायी जायेगी। वही 395 बूथ पर 395 पोलिंग पार्टी रवाना हुई।

    घर-घर जिलाधिकारी ने मतदाता पर्ची के लिये उतारी टीमें

    निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार मतदाता पर्ची घर-घर पंहुचाने के निर्देश दिये थे। लेकिन हकीकत में कई जगहों पर मतदाता पर्ची नही पंहुची। जिसके बाद जिलाधिकारी ने बीएलओ को अधिकारियो के साथ भेजकर आवास-विकास में घर-घर मतदाता पर्ची चेक कराने के आदेश दिये।

    फर्रुखाबाद निकाय चुनाव दूसरे चरण में होने है। लेकिन प्रशासन ने यहाँ के माहौल को देखते हुए सख्ती बरती है, प्रशासन की ओर से जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कड़े रुख दीखते हुए मतदान कर्मचारियों और अपने अधिकारीयों को सख्ती के निर्देश दिए। क्योकिं फर्रुखाबाद में कुछ मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील है। जिसको देखते हुए प्रशासन यह रवैया अपना रही है।

    निकाय चुनाव में किस प्रत्याशी को कितने पैसे खर्च करने है, यह विभाग ने तय कर दिया है।
    चुनाव आयोग ने नगर पालिका अध्यक्ष से लेकर सभासदो के चुनाव में कितन रकम खर्च कर सकते है, उसकी सिमा आयोग ने तय कर दी है। जिस नगर पालिका में 45 वार्ड से 55 वार्ड है उसमे अध्यक्ष पद का उम्मीदवार 8 लाख खर्च कर सकता है। वहीं सभासद 1 लाख 50 हजार खर्च कर सकता है। जिस नगर पालिका में 25 वार्ड से लेकर 40 वार्ड होंगे उसमे अध्यक्ष 6 लाख खर्च कर सकता है और सभासद 50 हजार खर्च कर सकता है।
    नगर पंचायत में अध्यक्ष पद का उम्मीदवार 1 लाख 50 हजार व् सभासद 30 खर्च कर सकता है। जिसमे सदर नगर पालिका में अध्यक्ष 8 लाख खर्च करेगा वहीं कायमगंज में 6 लाख खर्च करेगा। चुनाव में जो रकम खर्च होंगे उसके लिए उम्मीदवार को अलग से अपना बैंक खाता खुलवा कर उसमे पैसे डाल कर खर्च करेंगे।

    यदि किसी उम्मीदवार के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज करता है कि वह तय की राशि से अधिक पैसा खर्च कर रहा है। तो उसके बाकि बैंक खातों की जाँच कराइ जाएगी और उसपर सख्त कार्यवाई की जाएगी। आयोग ने इस बार यह तय किया है कि जीवन के प्रयोग में होने वाली कोई वस्तु चुनाव के समय किसी को नहीं दिया जा सकता है, यदि कोई पकड़ा जाता है तो उसपर सख्त कार्यवाई की जाएगी।

    वहीं सभी पार्टियों ने चुनाव को लेकर सक्रियता दिखाया है। लेकिन दो चुनाव के नतीजों से यह साफ हो गया है कि भाजपा की पकड़ फर्रुखाबाद में मजबूत है। क्योंकि 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के मुकेश राजपूत ने रामेश्वर सिंह यादव को लगभग डेढ़ लाख वोटो से पराजित किया था। जबकि तीसरे पायदान पर बहुजन समाजवादी पार्टी थी। फ़िलहाल 2017 में हुए विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी मेजर सुनील दत्त दिवेदी ने बसपा के मोहम्मद उमर खान को फर्रुखाबाद से पराजित किया था। इसको देखते हुए कहा जा रहा है कि भाजपा एक मजबूत पक्ष में है। पार्टी ने अपने संकल्प पत्र के जरिए प्रचार प्रसार किये है। योगी ने फर्रुखाबाद निकाय चुनाव को लेकर कहा कि यदि जनता ने मौका दिया तो फर्रुखाबाद को एक नया रूप दे देंगे।

    पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार शाम को फर्रुखाबाद सदर से पार्टी के समर्थन में जनसभा को सम्बोधित किया। सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा द्वारा किये गए नोटबंदी और जीएसटी का बदला जनता निकाय चुनाव में लेगी। उन्होंने योगी पर तंज कस्ते हुए कहा कि जो लोग जाति और धर्म के आधार पर राजनीती करते है जनता उन्हें भी सबक सिखाएगी। सलमान खुर्शीद ने केंद्र सरकार की खूब आलोचना किये उन्होंने बीजेपी को धर्म के आधार पर चुनाव करने की पार्टी करार दिया। उन्होंने जनता से अपने ऊपर एहसान करने को लेकर कांग्रेस को वोट देने को कहा।

    फर्रुखाबाद एक छोटा जिला है यहाँ कुल 70 वार्ड है। यहाँ की साक्षरता 73.4% और लिंग अनुपात 1000/899 है। फर्रुखाबाद शहरी क्षेत्र की कुल जनसँख्या 275754 है जिसमें हिन्दू बाहुल्य है। मुस्लिम जनसँख्या 14.69% है। लेकिन निकाय चुनाव को देखते हुए कहा जा रहा है कि सभी पार्टियां अपनी अपनी जीत का दावा कर रही है।

    वहीं भाजपा अपने आप को साबित करने में लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव का कार्यभार संभाले चुनावी सभाओ को सम्बोधित कर रहे है। इसलिए कहा जा रहा है कि यह योगी की व्यक्तिगत लड़ाई है। अब चुनाव के नतीजे इसका प्रमाण देंगे।