हालिया विधानसभा चुनाव में हिन्दी हार्टलैंड के तीन राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान गंवाने के बाद भारतीय जनता पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां अभी से ही शुरू करने की योजना बना रही है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा प्रधानमंत्री मोदी की छवि के सहारे 2019 की लड़ाई लड़ने के मूड में है। इसके लिए पार्टी के रणनीतिकारों ने 2014 के तर्ज पर प्रधानमंत्री की रैलियां आयोजित करने की योजना बनाई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार हिंदी हार्टलैंड के 3 राज्य गंवाने के बाद भाजपा वहां फोकस कर रही है जहाँ वो कमजोर है। इसके लिए जनवरी के आखिरी हफ्ते से फ़रवरी तक प्रधानमंत्री मोदी की दो दर्जन रैलियां आयोजित करने की रणनीति बनाई गई है। इन रलियों के सहारे उन 122 सीटों को कवर किया जाएगा जहाँ भाजपा कभी नहीं जीती है। ये सीटें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, ओड़िसा, पूर्वोत्तर की कुछ सीटें हैं।
गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी पदाधिकारियों, राज्य अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार पर चर्चा की गई और 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री मोदी की ये रैलियां जनवरी के आखिरी सप्ताह से शुरू होगी। हर रैली में 2-4 लोकसभा सीटों को कवर किया जाएगा। प्रधानमंत्री की रैलियों के लिए जो लिस्ट तैयार की गई है उनमे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लगभग सभी सीट, पश्चिम बंगाल के 40 सीट, असम में सिलचर और डिब्रूगढ़, केरल के 18 में से 17 सीट और पूर्वोत्तर की कुछ सीटें ऐसी है जिपर भाजपा कभी नहीं जीती है।
भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 11-12 जनवरी को दिल्ली के इंदिरा गाँधी स्टेडियम में होगी जिसमे पार्टी के लगभग 3000 बड़े नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे और लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा भाजपा के 7 मोर्चा जिनमे युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, ओबीसी, एससी और एसटी मोर्चा दो देश के विभिन्न भागों में दिसंबर के आखिरी सप्ताह से जनवरी के आखिरी सप्ताह तक दो दिवसीय सम्मलेन का आयोजन करेंगे