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    प्रधानमंत्री आवास योजना

    केंद्र सरकार 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किया है कि देश में 1 करोड़ घरों के निर्माण के लिए जो भी धन चाहिए उसे राज्य केंद्र से ले सकते हैं।

    केंद्र सरकार चाहती है कि 31 मार्च 2019 तक प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत रखे गए 1 करोड़ घरों के निर्माण के लक्ष्य को हर हाल में पा लिया जाये।

    हालाँकि सरकार के इस इशारे से यह तो तय कि सरकार अभी तक तय 2018 के अंत तक के लक्ष्य को तो नहीं पा पाएगी।

    मालूम हो कि इस योजना के अंतर्गत अभी तक 56 लाख घरों का निर्माण हो चुका है, जबकि 26 लाख अन्य घरों के लिए सरकार ने पैसा रिलीज़ कर दिया है। इसके बावजूद अभी बहुत से राज्य ऐसे हैं जिन्होने वर्ष 2017-18 के लिए कोई फंड नहीं लिया है, जबकि कुछ एक का तो वर्ष 2016-17 का भी फंड बकाया है।

    इसके तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी 22 राज्यों को पत्र लिखते हुए यह सूचित किया है कि इस योजना के लिए केंद्र के पास पर्याप्त धन है, ऐसे में जिन राज्यों ने अपने हिस्से की राशि केंद्र से नहीं ली है, वे राज्य इस राशि को जल्द से जल्द क्लेम कर लें।

    मंत्रालय नहीं चाहता है कि राज्यों द्वारा फ़ंड ने लेने की दशा में केंद्र सरकार की इस परियोजना में किसी भी तरह का व्यवधान पैदा हो।

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    गौरतलब है कि बिहार राज्य ने वर्ष 2017-2018 के फ़ंड के लिए केंद्र के पास किसी भी तरह का कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। मालूम हो कि बिहार ने इस योजना के तहत अभी तक महज 1.82 लाख घर बनाए है, जबकि उसे कुल 11.76 लाख घरों का निर्माण करना है।

    दूसरी ओर आंध्रप्रदेश ने भी 1.23 लाख घरों के लक्ष्य में अभी सिर्फ 28 हज़ार घरों का ही निर्माण पूरा किया है। इसी के साथ महाराष्ट्र ने 4.5 लाख घरों के लक्ष्य में 2.56 लाख घरों का निर्माण किया है, और इसके लिए 2017-18 की दूसरी छमाही से केंद्र से किसी भी प्रकार की राशि की माँग नहीं की है।

    ऐसे सभी राज्यों को केंद्र की तरफ से पत्र भेज कर सूचित किया गया है।

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