भारत में नियुक्त पाकिस्तान के उच्चायुक्त को इस्लामाबाद ने चर्चा के बाबत वापस बुला लिया है। पुलवामा हमले के बाद दोनों राष्ट्रों के मध्य तनातनी का माहौल जारी है। पाकिस्तान विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट कर कहा कि हमने भारत में नियुक्त अपने उच्चायुक्त को चर्चा के लिए वापस बुला लिया है। वे आज सुबह नई दिल्ली से आएंगे।
We have called back our HIgh Commissioner in India for consultations.
He left New Delhi this morning .— Spokesperson 🇵🇰 MoFA (@ForeignOfficePk) February 18, 2019
गुरुवार को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जेईएम ने ली है। इसमें 40 सैनिक शहीद हुए और पांच बुरी तरह जख्मी हुए हैं। भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तान उच्चायुक्त सोहैल महमूद को समन जारी किया है और पुलवामा में सैनिकों की मृत्यु का विरोध प्रकट किया है।
पाकिस्तान में स्थित भारतीय दूतावास के राजदूत अजय बिसारिया को भी उसी दिन वापस चर्चा के लिए नई दिल्ली बुलाया गया था। सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार चाहती है कि पाकिस्तान जैश ए मोहम्मद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और तत्काल अपनी सरजमीं से आतंकवादियों के संचालन पर रोक लगाए।
पाक को अलग-थलग करने की कवायद
भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेर्वड नेशन का दर्जा भी वापस ले लिया है। भारत ने कहा है कि पाक को अलग-थलग करने के लिए हर संभावित कदम उठाएगा।
सरकार ने पी-5 देशों के राजदूतों जापान, यूरोपीय संघ और खाड़ी देशों को पाकिस्तानी समर्थित आतंक के बाबत बताना शुरू कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के पांच स्थायी सदस्य है, जिसमे अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन है।मसूद अज़हर को यूएन सुरक्षा परिषद् में वैश्विक आतंकी घोषित करने पर चीन का पक्ष के बाबत उन्होंने कहा कि “1267 सुरक्षा परिषद् कमिटी ने आतंकी संघठनो के खिलाफ लिस्टिंग पर शर्त और प्रक्रिया स्पष्ट है। चीन प्रतिबंधों से सम्बंधित मसलों को रचनात्मक व दायित्व से संभालेगा।”
पाक का बयान
पाकिस्तान ने पुलवामा हमले पर सफाई देते हुए कहा कि “जिले में यह आतंकी हमला गंभीर मामला है और उन्होंने भारतीय मीडिया और सरकार के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत बिना सबूत के पाकिस्तान के दामन को दागदार नहीं कर सकता है।” पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि “हम भारतीय मीडिया और सरकार के बिना तफ्तीश के आरोपों को खारिज करते हैं। हम घाटी में ऐसे हिंसक हमलों की सदैव निंदा करते रहे हैं।”