शिकागो और उसके इर्द-गिर्द के क्षेत्रों से भारतीय मूल के अमेरिकियों ने पुलवामा आतंकी हमले के खिलाफ चीन और पाकिस्तान के दूतावास के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था। शिकागो में स्थित चीनी दूतावास से भारतीय अमेरिकियों ने मांग की कि यूएन द्वारा प्रतिबंधित उग्रवादी आतंकियों को बीजिंग को समर्थन और पनाह देना बंद करना चाहिए।
भारतीय अमेरिकियों का इशारा यूएनएससी में स्थायी सदस्य चीन द्वारा वीटो के इस्तेमाल पर था। मसूद अज़हर को भारत यूएन में वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखता है, जिस पर वीटो का इस्तेमाल कर पानी फेर देता है।
इंडियन अमेरिकन कल्चरल सेंटर के चेयरमैन ने कहा कि “पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर आतंकवाद का समर्थन करने से चीन को रोकना चाहिए।” शिकागो में स्थित चीनी दूतावास के बाहर भारतीय नागरिकों का प्रदर्शन इतिहास में पहली बार हुआ है।
कई भारतीय अमेरिकी नागरिकों ने शिकागो में स्थित पाक दूतावास के बाहर भी प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के हाथ में “आतंक का स्मार्टन करना बंद करो” के बैनर थे और वहां “भारत माता की जय” के नारे लगाए जा रहे थे। उन्होंने मांग की कि पाकिस्तान को आतंकवादी प्रायोजित राज्य घोषित कर देना चाहिए।
पाकिस्तानी दूतावास को सौंपे गए ज्ञापन पत्र में भारतीय समुदाय ने पाकिस्तान से आतंकवाद का समर्थन बंद करने की मांग की है। समुदाय के नेताओं ने कहा कि “पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है और निरंतर आतंकवादियों की संख्या बढ़ाता जा रहा।
भारतीय मूल के अमेरिकियों ने न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क में राइट अल्बर्ट पैलेस तक कैंडल मार्च निकाला था। इसका आयोजन फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एसोसिएशन ने किया था।
रिपोर्टों के अनुसार, हमला एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किया गया था, जिसने विस्फोटक से भरी कार को सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी। काफिले में 70 से अधिक वाहन और 2,500 से अधिक कर्मी थे। हमला तीन साल में सबसे बड़ा हमला है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी समूह ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।