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    सूडानी राष्ट्रपति

    सूडान के प्रधानमंत्री ओमर अल बशीर ने शुक्रवार को पूरे राष्ट्र में आपातकाल का ऐलान कर दिया है और सरकार को भंग कर दिया है।

    बीबीसी के मुताबिक उनके तीस सालों के शासन के खिलाफ बीते कुछ हफ़्तों से जारी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

    सूडान के राष्ट्रपति ओमर ने कहा कि “मैं समस्त देश में एक साल के लिए आपातकाल लागू कर रहा हूँ। मैं प्रांतीय और संघात्मक स्तर की सरकारों को भंग  करने का ऐलान कर रहा हूँ।” उन्होंने राष्ट्रपति आवास खारर्तूम से राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए आपातकाल लागू किया है।

    पूरे देश में 19 दिसंबर से हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को प्रबंधन सही तरीके से नहीं कर रही है और उन्होंने दिग्गज नेता से सत्ता छोड़ने की मांग की थी।

    हाल ही में सरकार ने ब्रेड की कीमतों में तीन गुना इजाफा किया था इसके बाद नागरिकों में सड़कों पर स्वतंत्रता, शान्ति और न्याय के नारे लगाए थे। प्रदर्शन के आयोजकों ने कसम खाई की जब तक राष्ट्रपति सत्ता का त्याग नहीं कर देता,हिसनाक प्रदर्शन जारी रहेंगे।

    सूडानी प्रोफेशनल एसोसिएशन के प्रमुख ने कहा कि “मकसद पूरा न हो जाने तक मैं जनता से प्रदर्शन को जारी रखने का आग्रह करता हूँ।” शुक्रवार को ओनदुरमन की सड़को पर प्रदर्शनकारियों का हुजूम निकला था लेकिन पुलिस ने आंसू गैस के इस्तेमाल से उन्हें खदेड़ दिया था।

    महंगाई की मार

    राष्ट्रपति ने प्रदर्शनकारियों की उपेक्षा की और सत्ता छोड़ने की उनकी मांग को ठुकरा दिया। प्रदर्शन की शुरुआत अतबारा के शहर से हुई थी। लेकिन धीरे-धीरे यह प्रदर्शन बशीर के तीन दशकों के राज के लिए चुनौती बन गयी थी। अधिकारीयों के मुताबिक इन हिंसक गतिविधियों में 31 लोगों की जान जा चुकी है। मानव अधिकार समूह ने कहा कि चिकित्सकों और बच्चों सहित 51 लोगों की मृत्यु हुई है।

    देश की नेशनल इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी सर्विस ने देशभर में प्रदर्शन को कुचलने के लिए अभियान चलाया है, सैकड़ों प्रदर्शनकारियों, विपक्षी नेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को जेल में डाला गया है। राष्ट्रपति ने इससे पूर्व साल 1999 में आपातकाल का ऐलान किया था।

    सूडान में काफी लम्बे समय से महंगाई की मार पड़ रही है, खासकर साल 2011 में दक्षिणी सूडान के अलग हो जाने से काफी मुश्किलें उभरी है। लेकिन रोटी की कीमतों में वृद्धि ने नागरिकों के गुस्से को बढ़ा दिया और व्यापक स्तर पर हिंसक प्रदर्शन हुए।

    राष्ट्रपति बशीर ने कहा कि “हमारा देश अभी बेहद मुश्किल और उलझे हुए हालातों से गुजर रहा है, इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से देश जूझ रहा है। आर्थिक मसलों का समाधान योग्य व्यक्ति ही निकाल सकते हैं, जिसके लिए मैं एक योग्य लोगों की सरकार का गठन करूँगा।”

    हालाँकि उन्होंने जिक्र नहीं किया कि वह कितने समय में नयी सरकार के गठन का ऐलान करेंगे। दारफुर में लंडी अवधि से जारी संघर्ष युद्ध अपराध और नरसंहार के लिए बशीर को अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक अदालत ने वांटेड घोषित कर रखा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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