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    एनडीए पर कटाक्ष करते हुए पी चिदंबरम ने कहा: भारत की अर्थव्यवस्था 'खतरनाक' स्थिति में है

    पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ‘खतरनाक’ स्थिति में है और अगर वे इस सरकार के वित्त मंत्री होते तो वे इस्तीफा दे देते।

    एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार राजकोषीय घाटे के 3.3 प्रतिशत के लक्ष्य तक को पूरा नहीं कर पाएगी, जैसे कि 2017-18 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.5 प्रतिशत से चूक गया था। उनके मुताबिक, “हम इस सरकार से और कोई बेहतरी की उम्मीद भी नहीं करते। चुनाव आने वाले हैं। इन 60 दिनों में सरकार कुछ भी नहीं कर सकती जिससे अर्थव्यवस्था की हालत बदल जाए। अर्थव्यवस्था की स्थिति काफी खतरनाक है। हर सूचक चिंताजनक है। इसलिए, हमें अगली सरकार में कुछ आशा और विश्वास करना होगा।”

    जब उनसे पूछा गया कि अगर वे इस सरकार के वित्त मंत्री होते तो क्या कर लेते, उन्होंने कहा-“अगर मैं एनडीए सरकार में वित्त मंत्री होता तो मैं इस्तीफा दे देता।”

    उस सवाल का जवाब देते हुए कि ऐसे दावे हो रहे हैं कि राम मंदिर 2025 में बनेगा तो उन्होंने कहा कि वे आशा करते हैं कि वे तब तक जिंदा रहे।

    पूर्व वित्त मंत्री ने सरकार से वोट-ऑन-अकाउंट में कुछ रिहायत और उपाय की घोषणा करने की उम्मीद जताई मगर ये भी कहा कि किसी बड़े फैसले की घोषणा नहीं हो सकती। उनके मुताबिक, “मुझे नहीं लगता कि उन्होंने कभी किसी मिसाल के साथ चलने की जरुरत समझी है। वे अपनी मिसाल खुद बनाते हैं।”

    कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र के जीएसटी संग्रह लक्ष्य से कम हो रहे हैं और सरकार का ‘शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह’ भी उनके बजट अनुमान से कम हो रहा है। उन्होंने कहा-“वे कुछ उपकरणों के माध्यम से कुछ पैसे जुटा सकते हैं लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें राजकोषीय लक्ष्य पूरा करना मुश्किल होगा। अगर वे लक्ष्य को पूरा करते हैं तो मैं उनकी तारीफ करूंगा लेकिन मुझे संदेह है।”

    वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा कृषि संकट का उल्लेख करने पर, चिदंबरम ने कहा कि ये बात गुप्त नहीं है कि सरकार इस मामले में जल्द कोई योजना की घोषणा कर दे तो। उनके मुताबिक, “मुझे लगता है कि यह एक लगभग खुला रहस्य है कि वे या तो तेलंगाना मॉडल या मध्य प्रदेश मॉडल या हाइब्रिड मॉडल की नकल करने जा रहे हैं और वे पैसे देंगे जो उनके पास नहीं हैं।”

    जब उनसे पूछा गया कि ऐसी योजना के लिए क्या ज्यादा देरी हो गयी है तो उन्होंने कहा-“ये लोगों के ऊपर है कि वे इसे कैसे लेते हैं। स्पष्ट रूप से ये वोट जीतने का उद्देश्य लग रहा है, इंतज़ार करते हैं और देखते हैं। मुझे नहीं लगता कि लोग मुर्ख हैं। लोगों को पता है कि 4.5 साल तक आपने कुछ नहीं किया और अचानक आप नींद से उठते हैं और ऐसी नीतियों की घोषणा करते हैं।”

    कांग्रेस के घोषणा पत्र पर उन्होंने कहा कि पत्र अगले पांच सालों के बारे में बात करेगा। और ये पार्टी की लंबी दृष्टि के बारे में भी बात करेगा।

    उन्होंने आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन दावों को भी खारिज किया जिसमे ये कहा गया था कि पिछले पांच वर्षों के दौरान जीडीपी 1991 के बाद किसी भी सरकार के लिए सबसे अधिक थी।

    उनके मुताबिक, “ये बिलकुल गलत है। यूपीए का सबसे ज्यादा था किसी भी पांच साल के कार्यकाल के लिए। पूरी दुनिया ये जानती है। हर अर्थशास्त्री जानता है। आसान अंकगणित ये बता देगा कि यूपीए का पांच साल का विकास रिकॉर्ड किसी भी पांच साल से स्वंत्रता के बाद और यहाँ तक कि स्वतंत्रा से पहले भी सबसे ज्यादा था।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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