महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आगामी बायोपिक के निर्माताओं को तरजीह देने के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के अध्यक्ष पद से प्रसून जोशी के इस्तीफे की मांग की।
ANI से बात करते हुए, महाराष्ट्र नवनिर्माण चित्रपट कर्मचारी सेना के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने कहा-“प्रसून जोशी को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि सेंसर बोर्ड ने ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ के नाम पर बनी एक आगामी बायोपिक को तरजीह दी है। फिल्म के निर्माता 20 मार्च तक शूटिंग कर रहे थे और उन्हें सिर्फ पंद्रह दिनों में सेंसर बोर्ड का प्रमाणपत्र मिल गया।”
“सेंसर बोर्ड प्रमाणपत्र पाने के लिए एक फिल्म के लिए निर्माता को ऑनलाइन पंजीकरण जमा करना होता है और केवल 58 दिनों के बाद ही फिल्म को प्रमाणपत्र मिल सकता है।”
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उन्होंने आगे सवाल किया-“क्या नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान सेंसर बोर्ड कुछ फिल्मों को तरजीह दे रहा है?” बायोपिक के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा-“फिल्म की शूटिंग 16 मार्च को गोरेगांव के दादासाहेब फाल्के फिल्म सिटी में की गई थी, जबकि 20 मार्च को शूटिंग वाराणसी में हो गई थी।”
फिल्म पर सभी विपक्षी पार्टियों ने निशाना साधा है जिसमे कांग्रेस भी शामिल है। उन्होंने दावा किया कि ये एक प्रोपोगंडा फिल्म है जो लोक सभा चुनाव से पहले दर्शको को प्रभावित करने के लिए बनाई गयी है। चुनाव 11 अप्रैल को शुरू हो रहे हैं, जिस दिन ये फिल्म रिलीज़ हो रही है।
कई राजनीतिक दलों ने ये भी कहा कि चुनाव के एक हफ्ते पहले फिल्म रिलीज़ करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। कई लोगो ने बॉम्बे हाई कोर्ट और चुनाव आयोग से गुहार भी लगाई कि वह फिल्म की रिलीज़ को टाल दे।
ओमंग कुमार निर्देशित फिल्म में विवेक ओबेरॉय अहम किरदार में दिखाई देंगे।