Sun. Apr 28th, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें अदालत ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) घोटाले के दो मुख्य आरोपियों को ऑर्थर रोड जेल से उनके निवास स्थान पर स्थानांतरित करने को कहा था, ताकि वे अपनी संपत्ति बेच सकें। इससे पहले दिन में न्यायाधीश बी. आर. गवई और सूर्यकांत के साथ प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलील से सहमत हुई।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पीएमसी बैंक घोटाले के आरोपियों और एचडीआईएल निदेशकों को दी गई राहत को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत पहुंचा था।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्च र लिमिटेड (एचडीआईएल) की बकाया परिसंपत्तियों के मूल्यांकन और बिक्री का संचालन करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया था। यह आदेश संकटग्रस्त पीएमसी की बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए दिया गया था।

हाईकोर्ट ने पिता और पुत्र राकेश और सारंग वधावन को दो जेल प्रहरियों की निगरानी में जेल से उनके घर में स्थानांतरित करने और समिति के साथ उनका सहयोग सुनिश्चित करने की अनुमति दी थी।

उस फैसले के अनुसार, तकनीकी रूप से दोनों आरोपी उनके घर पर नजरबंद रखे जाते।

हाईकोर्ट ने कहा था, “हम लाखों जमाकर्ताओं की दुर्दशा से अवगत हैं, जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई और जीवन की बचत राशि पीएमसी बैंक में जमा कर रखी है।”

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