करतारपुर साहिब गलियारे के स्थापना दिवस समारोह में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष को भारत में हिंसा फ़ैलाने के खिलाफ सीधे चेतावनी दी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के साथ इस समारोह में शरीक हुए थे। पंजाब में हाल ही में अमृतसर के निरंकारी भवन में ग्रेनेड हमला हुआ था जिसके तार पाकिस्तान से जुड़े हुए थे।
एक दिग्गज सैन्यकर्मी कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैं पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष से बतौर सैनिक कुछ सवाल पूछना चाहता हूँ, क्या आर्मी यह सिखाती है कि सीमा उल्लंघन करो और दूसरे मुल्क के सैनिकों की हत्या करों। उन्होंने कहा कि कौन सी सेना ने पठानकोट और अमृतसर में हमले के लिए लोग भेजे थे, यह कायरता है।
अमरिंदर सिंह ने जावेद कमर बाजवा को चेतावनी देते हुए कहा कि हम भी पंजाबी है, तुम्हे अपने वतन में प्रवेश की अनुमति और यहाँ का माहौल खराब नहीं करने देंगे।
पाकिस्तान और भारत के मध्य सालों बाद किसी मसले पर सहमती बनी है, भारत की कैबिनेट ने करतारपुर गलियारे के प्रस्ताव को 22 नवम्बर को पारित कर दिया था। करतारपुर साहिब गुरूद्वारा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष इसी जगह पर व्यतीत किये थे।
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा रावी नदी के किनारे स्थित है जो पाकिस्तान सीमा से लगभग तीन से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भारत के श्रद्धालु एक दिन में ही गुरुद्वारे के दर्शन कर वापस लौट सकते हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस गलियारे का निर्माण कार्य चार महीनों में समाप्त हो जायेगा।
पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान करतारपुर गलियारे के स्थापना समारों का आयोजन 28 नवम्बर को करेंगे। गुरुनानक के अगले साल आयोजित 550 वीं सालगिरह पर पंजाब सरकार ने पूरे साल प्रकाश पर्व के जश्न का ऐलान किया है।