संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य चीन एक बार फिर अपने सदाबहार दोस्त के पनाह में सुरक्षित आतंकियों का साथ देता हुआ नज़र आया है। चीन ने बायां जारी कर कहा कि “यूएन में जैश ए मोहम्मद का नाम सिर्फ सामान्य सन्दर्भ में लिया गया था,कोई निर्णय नहीं सुनाया गया था।”
महज सन्दर्भ, फैसला नहीं
जेईएम के सरगना मसूद अज़हर द्वारा पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने के बाबत चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “आतंक से सम्बंधित वारदातों की चीन नजदीकी से समीक्षा कर रहा है। कल, सुरक्षा परिषद् ने बयान जारी कर एक संगठन का नाम लिया था, उसका सन्दर्भ सिर्फ सामान्य था, इसका हमले के निर्णय से कोई नाता नहीं है।”
पाकिस्तान को अलग थलग करने के लिए भारत कूटनीतिक स्तर पर कार्रवाई कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष भारत दावा कर रहा है कि पाकिस्तान आतंकी समूहों और सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में जम्मू कश्मीर मे हुए घृणित और कायराना आतंकी हमले के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। इस प्रस्ताव पर वैश्विक संस्था के स्थायी और अस्थायी सदस्यों ने अपनी सहमति जाहिर की है। जिसमे चीन ने भी समर्थन किया था।
यूएन ने की निंदा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि “सुरक्षा परिषद् के सदस्य जम्मू कश्मीर में हुए इस घृणित और कायराना आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा सकते हैं। इस हमले में 40 भारतीय जवानों की मृत्यु हो गयी थी और दर्जनों सैनिक बुरी तरह जख्मी थे। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली है।”
साथ ही यूएन ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। यूएन ने कहा “सुरक्षा परिषद् के सदस्य पीड़ितों के परिवारों और भारत सरकार व भारतीय जनता के प्रति गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करते हैं। साथ ही जख्मी सैनिकों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”
सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों ने कहा कि “कोई भी आतंकी गतिविधि आपराधिक है और न्यायसंगत नहीं है। सभी देशों को इसे खत्म करने की जरूरत हैं।”