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    वांग यी और शाह महमूद कुरैशी

    पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी 17 से 20 मार्च तक चीन की यात्रा पर पहली पाकिस्तानी-चीनी विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता के लिए जायेंगे। चीन ने सोमवार को कहा कि “भारत और पाकिस्तान सम्बन्ध के बीच तनावों के बाबत जानकारी पहली रणनीतिक वार्ता में ली जाएगी।” पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और उनके चीनी समकक्षी वांग यी की मंगलवार को मुलाकात होगी।

    बिजनेस स्टैण्डर्ड के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि “पड़ोसी होने के नाते चीन दोनों देशों के मध्य तनाव को कम करना चाहता है। हम चाहते हैं कि दोनों देश क्षेत्रीय शान्ति और स्थिरता के लिए बातचीत को जारी रखे। मुझे यकीन है कि क्षेत्रीय तनाव के कारणों पर भी चर्चा होगी।”

    भारत में स्थित चीनी दूतावास के राजदूत लुओ जहोजुइ ने रविवार को कहा कि “वह बेहद आशावादी है कि जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल करने का मसला जल्द ही सुलझ जायेगा और उनके मुल्क ने सुरक्षा परिषद् के समक्ष सिर्फ एक तकनीकी रोक लगाई है।”

    इस बाबत गेंग शुआंग ने कहा कि “मैं किसी मसले पर पूर्वानुमान नहीं लगा सकता हूँ। लेकिन वे संयुक्त चिंतित मसलो जैसे द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल करने के बाबत उन्होंने कहा कि “चीन इस मसले को जिम्मेदाराना और रचनात्मक तरीके से संभालेगा। भारत और पाकिस्तान सहित सभी देशों के साथ बातचीत करेगा।”

    चीनी प्रवक्ता ने भारत और पाकिस्तान के बीच बीते सप्ताह हुई करतारपुर गलियारे की बैठक का स्वागत किया और कहा कि “हम इस बातचीत का इस्तकबाल करते हैं और उम्मीद है कि दोनों पक्षों के तनाव को कम करेगा और क्षेत्रीय हालातों को सुधरेगा। भारत और पाक पड़ोसी है और हमेशा एक-दूसरे के साथ रहे हैं। दोनों देशों के बीच मधुर सम्बन्ध उनके हित को साधेंगे और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सामान्य आकांक्षाओं पर खरे उतरेंगे।”

    विदेश मंत्री कुरैशी चीन में सीपीईसी पर होने वाली बैठक की अध्यक्षता करेंगे और पाकिस्तान की ओर से सीपीईसी में होने वाले विवादों को सुलझाने की कोशिश करेंगे। इस दौरान कुरैशी चीन और पाकिस्तान के बीच विभिन्न आर्थिक और सुरक्षा से सम्बंधित मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं। दोनों देश मसूद अजहर के मुद्दे पर भी चर्चा कर सकते हैं।

    एएनआई से बातचीत में चीनी राजदूत ने कहा कि “हम इस मसले को समझते हैं और पूरी तरह इस पर यकीन रखते हैं। हम भारत की चिंताओं को समझते हैं और आशावादी है कि जल्द ही यह मसला सुलझ जायेगा। यह सिर्फ एक टेक्निकल होल्ड है जिसका मतलब है कि हमें चर्चा के लिए थोड़ा अधिक वक्त चाहिए। मुझ पर यकीन कीजिये, यह जल्द ही सुलझ जायेगा।”

    उन्होंने कहा कि “वहां सम्मलेन के बाद द्विपक्षीय सहयोग तीव और उचित ट्रैक पर था। हम उस सहयोग से बेहद संतुष्ट हैं और मैं भविष्य के सहयोग पर आशावान हूँ।”

    पुलवामा में हुए आतंकी हमले की विश्वभर में निंदा की गयी थी। कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान की सरजमीं पर आसरा लिए जैश ए मोहम्मद ने ली थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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