चीन और पाकिस्तान के मध्य सम्बन्ध प्रगाढ़ होते जा रहे हैं और इसके लिए दोनों देश निरंतर प्रयास कर रहे हैं। चीन ने सोमवार को कहा कि “दोनों राष्ट्रों के मध्य जन संवाद की वृद्धि के लिए तक़रीबन 20 हज़ार पाक छात्रों को चीन छात्रवृत्ति प्रदान करेगा। यह दुनिया में सभी राष्ट्रों से अधिक है।”
पाक छात्रों को स्कॉलरशिप
ख़बरों के मुताबिक इस छात्रवृत्ति का ऐलान इस्लामाबाद में चीनी राजदूत ने सोमवार को किया और कहा कि दोनों राष्ट्रों के मध्य मैत्री सम्बन्ध मज़बूत होते रहेंगे। इस्लामाबाद में चीनी राजदूत याओ जिंग ने कहा कि “सम्बन्ध में आवाम ही मायने रखती है। यह संवाद चाइना फोटो एक्सहिबिशन में कहा था, जिसका पाकिस्तान में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी आयोजित किया था।
चीन-पाक आर्थिक गलियारा परियोजना के बाबत चीनी राजदूत ने कहा कि बीजिंग और इस्लामाबाद अंतिम पड़ाव पर पंहुच गए हैं और अब उनके प्रोजेक्ट का लक्ष्य निवेश, ऊर्जा क्षेत्र और निर्यात पर होगा। चीनी राजदूत ने कहा कि सीपीईसी परियोजना में द्विपक्षीय सहयोग में दूसरा क्षेत्र सामाजिक क्षेत्र होगा। यहां पर मानव संसाधन, गरीबी स्तर में कमी, कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा होगा।
पाक का विकास
खबरों के मुताबिक चीन ने शैक्षिक, स्वास्थ्य, सिंचाई और पाकिस्तान की कम जनसंख्या वाले इलाकों के विकास के लिए एक अरब डॉलर की सहायता दी थी। साथ ही पाकिस्तान ने देश की स्थानीय अर्थव्यवस्था में।वृद्धि के लिए चीन से इंजिनीरिंग और मैनुफैक्चरिंग यूनिट लगाने का आग्रह किया है। विदेशी आदान प्रदान में कमी के कारण स्थानीय अर्थव्यस्था की हालत खराब है।
इमरान खान के नेतृत्व की सरकार ग्वादर बंदरगाह के लिए एक मास्टर प्लान की योजना तैयार कर रही है। यह बंदरगाह चीन की मदद से विकसित किया जा रहा है और यह चीन की नौसैन्य बेस की तरह कार्य करेगा। पाकिस्तान ग्वादर में स्थित पेट्रोकेमिकल और हाइड्रोकार्बन के काम्प्लेक्स का विस्तार करना चाहता है।