पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के नया पाकिस्तान नारे में कमी साफ़ नज़र आ रही है। पाकिस्तान में 12 से 14 वर्ष की दो हिन्दू नाबालिग लड़कियों का अपहरण किया, फिर उनके साथ जबरदस्ती शादी की और फिर जबरन उनका इस्लाम में धर्म परिवर्तन किया।
इस घटना के दौरान हिन्दू समुदाय के लोग पवित्र त्यौहार का जश्न मना रहे थे। हिन्दू समुदाय के लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया और हिन्दू लड़कियों के अपहरण और धर्मपरिवर्तन में शामिल अपराधियों के खिलाफ साख कार्रवाई करने की मांग की है।
नाबालिग बच्चियों का निकाह कराने वाले काजी ने कहा कि “स्वेच्छा से लड़कियों ने इस्लाम में धर्मपरिवर्तन किया था।” बहरहाल, सिंध विधासभा द्वारा पारित बिल के मुताबिक यह शादी और धर्मपरिवर्तन कानून का उल्लंघन है। इस कानून के तहत बच्चों का उनके वाल्दीन की गैर मौजूदगी में धर्मपरिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
साल 2015 में बाल विवाह को रोकने के लिए सिंध विधानसभा ने एक विधेयक पारित किया था। इसके तहत काजी सहित शादी में मौजूद सभी लोगो की गिरफ्तारी की जाएगी। इस घटना को 48 घंटे बीत चुके हैं लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
इमरान खान ने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना हिन्दू-मुस्लिम एकजुटता के कट्टर समर्थक थे और साथ रहने में विश्वास करते थे। उनकी सरकार पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को सामान दर्जा दिलवाने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह मोहम्मद अली जिन्ना का नजरिया था।
इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार सुनिश्चित करेगी कि धार्मिक अल्पसंख्यक लोग पाकिस्तान में सुरक्षित और संरक्षित रहे और नए पाकिस्तान में सभी को बराबरी का दर्जा मिले। पाकिस्तान की यह वारदात अभी भी वहां अल्पसंख्यकों की बेकद्री की गवाही देती है।