Fri. Nov 15th, 2024
    पाकिस्तान

    पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के एक प्रिंसिपल पर झूठा ईशनिंदा का आरोप लगाया। इसके बाद सैकड़ो प्रदर्शनकारियो का हुजूम सडको पर उतरा था। सिंध पब्लिक स्कूल के अध्यापक नोतल मल के खिलाफ अब्दुल अज़ीज़ राजपूत ने शनिवार को शिकायत दर्ज करवाई थी और आरोप लगाया कि प्रिंसिपल ने ईशनिंदा की थी।

    हिन्दू प्रिंसिपल पर ईशनिंदा का आरोप

    प्रदर्शन की शुरुआत घोटकी शहर से हुई थी। प्रद्र्शंकरइयो का हुजूम सडको पर उतरा और प्रिंसिपल को गिरफ्तार करने की मांग की। साथ ही शटर डाउन धरने की मांग की थी। रविवार को प्रदर्शनकारियो की कई विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी थी।

    इन वीडियोस में प्रदर्शनकारी हिन्दू मंदिरों को अपवित्र कर रहे थे और इस घटना वाले स्कूल को क्षतिग्रस्त कर रहे थे। घोटकी पुलिस के सीनियर सुपरिन्टेन्डेन्ट फर्रुख लंजर ने कहा कि “इस इलाके में पुलिस नियम और कानून काबू कर रही है।”

    पाकिस्तान तहरीक ए इन्साफ और पाकिस्तान हिन्दू काउंसिल के प्रमुख रमेश कुमार वन्कवानी ने कहा कि “इस मामले की हैदराबाद के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल नईम शेख तफ्तीश करेंगे। सुरक्षा कारणों से प्रिंसिपल को एक अज्ञात स्थान पर रखा गया है और उन्हें पुलिस के सुपुर्द कर दिया जायेगा।”

    पाकिस्तान में अल्पसंख्यको की दयनीय स्थिति पर वैश्विक मंच कई बार आलोचना कर चुका है। हाल ही में ईसाई महिला आसिया बीबी को शीर्ष अदालत से रिहाई मिलने पर समस्त पाकिस्तान में धार्मिक दलों ने प्रदर्शन किया था। बीबी पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था और जिन्दगी के खतरे के भय के कारण उनका परिवार कनाडा चला गया है।

    प्रधानमन्त्री ने कई मौको पर अल्पसंख्यको के अधिकारों के संरक्षण का संकल्प लिया है हालाँकि इसमें कोई प्रगति नहीं दिखी है। सिख, हिन्दू और इसाइयों पर अत्याचार के मामले निरंतर दर्ज होते रहते हैं। हाल ही में पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी के पूर्व सांसद वलदेव कुमार ने भारत में राजनीतिक शरण की मांग की थी और कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *