पाकिस्तान पर अमेरिका के सख्त रवैये का फायदा चीन उठाना चाहता है। चीन की कोशिश है कि वह पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर सैन्य ठिकाना बनाकर वैश्विक मामलों में अपनी पकड़ मजबूत करे। इससे पहले आपको बता दें कि चीन नें दिजभूति में भी अपना सैन्य ठिकाना स्थापित किया था।
जाहिर है कि वन बेल्ट वन रोड योजना के तहत चीन जिनजियांग से ग्वादर बंदरगाह तक एक रोड़ बना रहा है जिसे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) नाम दिया गया है। इस योजना के तहत चीन पाकिस्तान में 46 अरब डॉलर निवेश करेगा। इतने बड़े स्तर पर हो रहे कार्य के लिए चीन नें पाकिस्तान में बड़ी मात्रा में सैनिकों को भी तैनात किया है। ऐसे में यह लग रहा है कि पाकिस्तान बहुत जल्द चीन की एक कॉलोनी बन जाएगा।
चीन नें हालाँकि सैन्य ठिकाना बनाये जाने की बात पर कोई स्पष्टता नहीं जताई है। चीनी विदेशी मंत्रालय के एक अधिकारी नें इस बारे में कहा है, “यह बात तो साफ़ है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर सीपीईसी योजना पर काम कर रहे हैं। यह योजना दोनों देशों के नागरिकों के हित में है। ऐसे में दुसरे देशों के लोगों को किसी भी प्रकार का कोई भी अनुमान लगाना सही नहीं है।”
हालाँकि अमेरिका और भारत का यह मानना है कि चीन पाकिस्तान में सैन्य ठिकाना बनाकर एशिया में अगली महाशक्ति बनने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान के अलावा चीन श्रीलंका, मालदीव में भी सैन्य ठिकाना बनाने की कोशिश कर रहा है। श्रीलंका में चीन नें हंबनटोटा बंदरगाह पर 99 साल के लिए अपना कब्ज़ा जमा लिया है। हालाँकि चीन का यह कहना है कि वह इसे किसी तरह के सेना से सम्बंधित कार्यों के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा, लेकिन आने वाले समय में ऐसा नहीं कहा जा सकता है।
दक्षिण एशिया में चीन लगातार अपनी सेना को बढ़ा रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग नें नए साल के अपने भाषण में कहा था कि आने वाले साल में चीन विश्व के विभिन्न मामलों में दखलंदाजी करेगा। ऐसे में चीन पाकिस्तान में अपना ठिकाना बनाकर इसकी शुरुआत कर सकता है।