स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने संयुक्त अरब अमीरात से एक अरब डॉलर की सहायता राशि प्राप्त की है। यह राशि यूएई विकास फंड यानी अबुदाबी विकास फंड (एडीएफडी) से मिला है, जो पाकिस्तान के मौजूदा घाटे को कम करने के लिए हैं। पाकिस्तान की खबर के मुताबिक एडीएफडी तीन किश्तों में पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर की रकम देने के लिए तैयार हुआ था। पाकिस्तान के बैंक के प्रवक्ता आबिद कमर ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि हमे आज यूएई से एक अरब डॉलर की रकम प्राप्त हुई है। इससे पूर्व पाकिस्तान ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए सऊदी अरब और चीन से मदद की गुहार लगाई थी।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने बुधवार को संसद में अल्प बजट पेश करते हुए कहा कि मुल्क अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अगुवाई वाली कार्यक्रमों को लागू कर सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की हड़बड़ी में नही है और अन्य विकल्पों पर भी कार्य कर रही है।
पाकिस्तान की सरकार ने इसी तरह का समझौता सऊदी अरब के साथ भी कर रखा है। सऊदी ने अब तक पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर को रकम दी है, जबकि एक अरब डॉलर की आखिरी किश्त फरवरी के अंत तक दे दी जाएगी।
इमरान खान की सरकार के अगस्त में सत्ता में आने के बाद कई सुधार प्रयास किये गए हैं। पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ खुली बातचीत की थी और कोई बातचीत फाइनल नही जो सकी थी। पाकिस्तान की साल 1980 के बाद यह 13 वां बैलआउट पैकेज था। इमरान खान सरकार ने वित्तीय घाटे के संकट से उभारने की प्रतिज्ञा की थी। आईएमएफ को उम्मीद है कि इस वर्ष जीडीपी 5.3 प्रतिशत रहेगा।
पाकिस्तान ने चीन-पाक आर्थिक गलियारे से काफी उम्मीद से निवेश किया था। इसके अलावा पिछले वर्षों में उत्पादों और ऊर्जा लागत की भारी मांग से चालू घाटे के व्यापक रूप से बढ़ा दिया था। सरकार को इसे नियंत्रित करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है। असद उमर ने कहा कि कीमती कारों के आयात पर शुल्क में वृद्धि होगी। आयातित निर्माताओं के आयातित कच्चे माल पर शुल्क पर कटौती की जाएगी।