पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में रविवार को एक ट्रेन के ट्रैक में विस्फोटक हमला हुआ, जिसमे 10 लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं और चार लोगों की मौत हो गयी है। बलूचिस्तान में अलगाववादी विद्रोहियों का कई वर्षों से सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष हो रहा है।
मृतकों में बच्चे भी शामिल
इससे पूर्व बलोच अलगाववादी इससे पूर्व कई बार ट्रेन को निशाना बना चुके हैं।
खलीज टाइम्स के मुताबिक नसीराबाद जिले के पुलिस अध्यक्ष इरफ़ान बशीर ने कहा कि “चार लोगों में एक किशोर बच्ची, उसकी मां और दो अन्य लोग शामिल है।”
इस विस्फोट में छह गाड़ी ढोने वाली ट्रेन को पटरी से उतार दिया था। यह ट्रैन बलूचिस्तान प्रान्त की राजधानी क्वेटा से पेशावर तक जा रही थी। इस क्षेत्र में बीते दो हफ़्तों में यह दूसरा ट्रैन हमला है। पहले हमले कोई हताहत को सूचना नहीं आयी थी।
चीनी परियोजना
बलूचिस्तान चीन की महत्वकांक्षी परियोजना चीन-पाक आर्थिक गलियारे के तहत परिवहन और ऊर्जा की परियोजना के लिए महत्वपूर्ण भाग है। इसके तहत पाकिस्तान में चीन 57 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है। इस प्रान्त में हिंसा के कारण निवेश की सुरक्षा हमेशा चिंता का विषय बनी रहती है।
चीन की करोड़ो की सीपीईसी परियोजना की शुरुआत के बाद पाक सेना का अत्याचार काफी हद तक बढ़ गया है। सीपीईसी के कारण बलोच नागरिकों की हत्या हो रही है।
बलोच लिब्रेशन टाइगर ने ली हमले की जिम्मेदारी
ANI के मुताबिक आज़ादी के समर्थक समूह बलोच लिब्रेशन टाइगर ने ट्रेन में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। बलूचिस्तान प्रान्त के नसीरबाद जिले में डेरा मुराद क्षेत्र में रिमोट कंट्रोल डिवाइस से जफर एक्सप्रेस में धमाका किया गया था। इस हमले में घायल लोगों को नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया गया है। इस मामले की तफ्तीश जारी है।
बलूचिस्तान प्रान्त में 8 मार्च को सुई गैस प्लान के नजदीक गैस पाइपलाइन में धमाका हुआ था इसकी जिम्मेदारी भी बीएलटी ने ली थी। सूत्रों के मुताबिक इस हमले के बाद आग से चार सैनिक शहीद हो गए थे और दो कर्मचारी बुरी तरह जख्मी हो गए थे।
बलोच नागरिकों का सफाया करने में जुटा पाक
अमेरिकी बुद्धिजीवी सी. क्रिस्टीन फेयर ने कहा कि “पाकिस्तान इस परियोजना के लिए एक बड़े कर्ज के गड्ढे में गिरता जा रहा है जो सिर्फ अमीरों के लिए ही फायदेमंद होगी। हमें अंदाज़ा भी नहीं है कि सीपीईसी की असल कीमत क्या है।”
क्रिस्टीन नें ANI को कहा कि “यह प्रोजेक्ट्स प्रतिद्वंदता के लिए नहीं स्थापित किया गया है, बल्कि चीन ने लागत तय की और पाकिस्तान ने कर्ज ले लिया है। पाकिस्तान चीन के साथ सभी बलोच नागरिकों को मारने के लिए मिला हुआ है ताकि बलोचिस्तान और उसके संसाधन का शोषण चीन के लिए आसान हो जाए। चीन ग्वादर पर सैन्यकरण करना चाहता है।”