Sat. Nov 23rd, 2024
    अमेरिका पाकिस्तान

    अमेरिकापाकिस्तान के संबंधों पर पेंटागन ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए आतंकवाद से दूर रहने को कहा है। पेंटागन ने जोर देते हुए कहा कि इस्लामाबाद को आतंकियों को सुरक्षित स्थान उपलब्ध नहीं करवाना चाहिए और साथ ही आतंकवाद से संबंधित नीतियों में भी मूलभूत परिवर्तन होना चाहिए।

    अमेरिका में पेंटागन ने शुक्रवार को अमेरिकी कांग्रेस को बताया कि अगर आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पाकिस्तान के विचलन पर वो एकतरफा कदम ले सकता है। अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पाकिस्तान के बिना भी लड़ सकता है।

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नई अफगान और दक्षिण एशिया की रणनीति के बाद अफगानिस्तान पर अपनी पहली रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा कि तालिबान व हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों को खत्म करना अमेरिका की क्षेत्रीय रणनीति का हिस्सा होगा।

    पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट “अफगानिस्तान में सुरक्षा व स्थिरता बढ़ाना” में कहा कि भारत के साथ हमारे सैन्य संबंधों में परस्पर रूप से सफलता मिली है। पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अल-कायदा, हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन पाकिस्तान व अफगानिस्तान में पैठ बनाए हुए है।

    अफगानिस्तान में शांति व्यवस्था जरूरी

    पेंटागन ने कहा कि अफगानिस्तान में आतंकियों को खत्म करना पाकिस्तान और अमेरिका दोनों के लिए ही चुनौतीपूर्ण है। पाकिस्तान की तरफ से आतंकी गतिविधियों का समर्थन करना क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा है।

    पाकिस्तानी सेना के संचालन में कुछ आतंकवादी बाध्य साबित हुए है। पेंटागन ने कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान के सभी आतंकवादी और उग्रवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तानी नेतृत्व से उम्मीद करता है।

    अफगानिस्तान में शांति बनाने के लिए पाकिस्तान का सहयोग जरूरी है। लेकिन पाकिस्तान लगातार आतंकी गतिविधियों को समर्थन देगा तो अमेरिका एकतरफा कार्रवाई करने को भी तैयार है।

    पेंटागन ने कहा कि अफगानिस्तान में कड़ी मेहनत करके शांति व्यवस्था स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। रिपोर्ट में कहा है कि जब तक अफगान सरकार वास्तविक प्रगति दिखाने और असली सुधारों को जारी रखती है तब तक हम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ उसे समर्थन करते रहेंगे।