पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में शुक्रवार को भीड़भाड़ वाले बाजार में आत्मघाती हमला किया गया जिसमे 21 लोगो की मौत और 50 लोगो के घायल होने की पुष्टि की गयी है। इस हमले में अल्पसंख्यक समुदाय शिया हज़ारा को निशाना बनाया जा रहा था। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस हमले की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल अब्दुल रज़्ज़ाक़ चीमा ने कहा कि “यह आत्मघाती आतंकी हमला फलो और सब्जियों के बाजार में किया गया था और इसका निशाना अल्पसंख्यक हज़ारा समुदाय था।” हालाँकि गृह मंत्री ने बयान में कहा कि “यह हमला किसी विशिष्ट समुदाय को निशाना बनाकर नहीं किया गया था।
ज़ियल्लाह लंगोवे ने कहा कि “मेरे ख्याल से किसी विशेष समुदाय को निशाना नहीं बनाया गया था। इसमें बलोच और सैनिक भी मारे गए थे। हज़ारा समुदाय के नागरिकों की संख्या बस अधिक थी। यह विस्फोट एक फियादीन हमला था।”
स्थानीय खबर के मुताबिक बचावकर्मी घटना स्थल पर बचाव और राहत कार्य में लगे हुए हैं। वारदात के इलाके को चारो तरफ से घेर लिया गया है और किसी भी बाहरी व्यक्ति को अंदर नहीं आने दिया जा रहा है। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री जाम कमाल ने हमले की निंदा की है और कहा कि इसके अपराधियों को बख्शा नहीं जायेगा।
उन्होंने कहा कि “चरमपंथी मानसिकता वाले लोग हमारे समाज के लिए खतरा है। हमें शांति में खलल पंहुचाने वाले लोगो के मंसूबो पर आणि फेंकना होगा।” पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हमले की निंदा करते हुए मामले की जांच की रिपोर्ट की मांग की है।
Deeply saddened & have strongly condemned the terrorist attack in Hazarganji market area of Quetta targeting our innocent people. I have asked for an immediate inquiry & increased security for the ppl. Prayers go to the families of the victims & for early recovery of the injured.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) April 12, 2019
यह पहली बार नहीं है जब अल्पसंख्यक हज़ारा समुदाय को निशाना बनाकर आतंकी हमला किया गया है। अफगानिस्तान में जारी संघर्ष से बचने के लिए पिछले चार दशकों में वहां से अन्य देशों में शरण ली है। पाकिस्तान में हज़ारा समुदाय के करीब पांच लाख लोग रहते हैं।
राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग की पिछले साल जारी रिपोर्ट के मुताबिक, क्वेटा में जनवरी 2012 से दिसंबर 2017 तक तांकि घटनाओं में हज़ारा समुदाय के 509 लोगो की जान गयी है जबकि 627 अन्य घायल हो गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार,हज़ारा समुदाय को निशाना बनाकर किये जाने वाले आतंकी हमले के कारण उनकी शिक्षा, जीवन और कामकाज पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
हिंसा और भी के कारण इस समुदाय के लोगो ने विदेशों में शरण ली और यहां तक की के बच्चों को शिक्षा से वंचित होने के लिए मज़बूर होना पड़ा था।
आईएसआईएस ने ली जिम्मेदारी
रायटर्स के मुताबिक, पाकिस्तान के बाजार में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। आतंकी समूह ने अमाक न्यूज़ एजेंसी से कहा कि “शुक्रवार को हुए पाकिस्तानी बाजार पर हमला हमने किया था।” इस हमले में 18 लोग मारे गए थे जिसमे से आधा हज़ारा समुदाय के थे। यह हमला शिया अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर किया गया था।