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    माइक पोम्पिओ

    अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने शुक्रवार को वेनेजुएला पर लगाए प्रतिबंधों का बचाव किया और कहा कि “लैटिन अमेरिकी राष्ट्र की जंग से अमेरिका पीछे नहीं हटेगा।” वेनेजुएला आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। राज्य सचिव तीन दिवसीय चिली, पैराग्वे और पेरू की यात्रा पर है।

    वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक उन्होंने चिली की राजधानी सेंटिआगो के समारोह में कहा कि “अमेरिका और उसके सहयोगी इस लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे। अपने देश में लोकतंत्र के लिए साहस के खड़ी वेनेजुएला की जनता का हम समर्थन करते हैं।” वांशिगटन वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर पद को त्यागने के लिए दबाव बना रहे हैं। साथ ही अधिकतर राष्ट्रों से विपक्षी नेता जुआन गाइडो को समर्थन करने के लिए आग्रह कर रहे हैं।

    माइक पोम्पिओ ने चिली में राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा से मुलाकात की थी। पत्रकारों से उन्होंने कहा कि “यह एक ऐतिहासिक अवसर है जब आपके पास सबकुछ है लेकिन कुछ देश वास्तव में बाजार संचालित हैं। दशकों से दक्षिणी अमेरिकी राष्ट्र में लोकतान्त्रिक व्यवस्था नहीं थी।”

    शुक्रवार को पोम्पिओ पैराग्वे की यात्रा पर जायेंगे, साल 1965 के बाद यह अमेरिकी सचिव की पहली यात्रा है। वांशिगटन ने मादुरो की सरकार पर प्रतिबन्ध थोपे हैं। शुक्रवार को चार कंपनियों और नौ जहाजों को ब्लैकलिस्ट किया है। आलोचकों के मुताबिक यह प्रतिबन्ध आम जनता को प्रभावित करेंगे।

    वेनेजुएला की जनता भीषण महंगाई और दवाई व भोजन की कमी से जूझ रही है। माइक पोम्पिओ ने कहा कि “वेनुजुएला में संकट के लिए अमेरिका को जिम्मेदार नहीं समझना चाहिए, मेरे ख्याल से वे समझते हैं कि यहां हानिकारक कौन है और वह क्षेत्र के सभी देशों को भी देखेंगे। अमेरिका वास्तव मे मदद करना चाहता है।”

    वेनेजुएला की आर्थिक समस्याओं के लिए मादुरो अमेरिका के प्रतिबंधों को जिम्मेदार मानते हैं और गाइडो को अमेरिका की कठपुतली करार देते हैं। रूस,चीन और क्यूबा मादुरो के समर्थन में हैं।

    पोम्पिओ ने मादुरो को वित्तीय सहायता करने के लिए चीन की आलोचना की और देश में रुसी सैनिको की उपस्थिति को भड़काऊ कदम करार दिया था। साथ ही माइक पोम्पिओ ने अमेरिका के साथ आर्थिक और कारोबारी फायदों को भी रेखांकित किया था। पोम्पिओ ने चीन की शिकारी कर्ज प्रथाओं और नापाक इरादों के बाबत चेतावनी दी थी।

    उन्होंने कहा कि “इसके बाबत कोई गलती न करे। चीन की व्यापारिक गतिविधियां राष्ट्रीय पूरी तरह सुरक्षा अभियान, तकनीकी लक्ष्य, बौद्धिक संपत्ति को चुराने की इच्छा से जुड़ा हुआ है। पिछले दो दशकों से चीन की बढ़ती अर्थव्यवस्था ने कच्चे माल की मांग को बढ़ाया है।”

    लैटिन अमेरिकी देशों का चीन से बढ़ते संपर्क ने अमेरिका के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। साल 2017 की नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटेजी के मुताबिक चीन निवेश व कर्ज के जरिये क्षेत्र को अपने प्रभुत्व में लाने के इच्छुक है। साल 2012 से क्षेत्र में चीनी निवेश 70 अरब डॉलर बढ़ा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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