भारत और पाकिस्तान के मध्य आज़ादी के सात दशक बाद भी कश्मीर मसले का हल नहीं निकल पाया है या यूं कहे कि हुक्मरानों ने अपनी राजनीति की रोटियां सेंकने के लिए इस मुद्दे को सिर्फ भड़काया है। बहरहाल कारण कोई भी हो लेकिन दोनों राष्ट्र की सरकारे अभी भी कश्मीर की खींचतान में व्यस्त दिखती है। पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री जहां कश्मीर में मानवधिकार के उल्लंघन का जिम्मेदार भारत को ठहराते हैं वहीँ भारत अभी भी पाकिस्तान को अवैध घुसपैठिया मानता है।
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि कश्मीर के अवैध कब्जाये इलाकों को जल्द खाली कर दे। लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि समस्त जम्मू कश्मीर राज्य में भारत की स्थिति सैद्धांतिक और तर्कसंगत थी, है और रहेगी। क्योंकि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 7800 वर्ग किलोमीटर के भारतीय भूभाग पर अवैध अधिगृहण कर रखा है। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के मध्य 2 मार्च 1963 को हुए कथित सीमा समझौते के तहत पाक ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के 5180 वर्ग किलोमीटर भारतीय इलाके को चीन को सौंप दिया था।
सुषमा स्वराज ने कहा कि हमने पाकिस्तान को लगातार और निरंतर अवैध कब्जाये भारतीय इलाकों को खाली करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में 30 नवम्बर 2018 को पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पीओके पर पाकिस्तान का अवैध कब्ज़ा जारी है।
लोकसभा में एक प्रशन का जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने कहा कि डोकलाम भूटान के क्षेत्रफल का हिस्सा है। रफाल डील पर भारत अधिकारी ने फ्रांस सरकार के साथ विमान प्राप्ति के लिए किसी समझौते पर हस्ताक्षर करने के प्रश्न पर वी के सिंह ने ना कहा है।