Fri. Dec 20th, 2024
    ईरान में आतंकवाद

    भारत ने पाकिस्तान द्वारा पनाह दिए गए आतंकी समूहों के खिलाफ कई बार आवाज़ उठायी है लेकिन इस्लामाबाद सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी। भारत और पाकिस्तान के बीच बीते हफ्ते के विवाद के बाद ईरान की सरकार और सेना ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह अपनी सरजमीं पर पल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है।

    आईआरजीसी क़ुद्स फाॅर्स के ताकतवर कमांडर जनरल कस्सम सोलिमनी ने पाकिस्तानी हुकूमत और सैन्य प्रशासन को चेतावनी दी और पूछा कि आप कहाँ नेतृत्व कर रहे हैं। आपकी सीमा से सटे सभी पड़ोसी मुल्कों को चैन की सांस नहीं मिल पर रही है, क्या कोई और पडोसी मुल्क को छोड़ा है, जिसमे असुरक्षा का भाव न हो।”

    परमाणु हथियार से क्यों नहीं करते हमला

    तसनीम न्यूज़ के मुताबिक उन्होंने कहा कि “आपके पास परमाणु हथियार है, क्या आप एक आतंकी समूह को मिटा नहीं सकते हैं ? पाकिस्तान को ईरान के संकल्प को नहीं जांचना चाहिए।” भारत के रक्षा सचिव विजय गोखले को सप्ताहांत में ईरान की यात्रा पर जाना था लेकिन भारत और पाक के मध्य संकट उपजने से इस दौरे को रद्द करना पड़ा था।

    संसदीय विदेश नीति समिति के अध्यक्ष हशमतोल्लाह ने कहा कि “पाकिस्तान से सटी सीमा पर ईरान दीवार का निर्माण करना चाहता है। उन्होंने वादा किया कि पाकिस्तान के भीतर दाखिल होकर भी कार्रवाई की जाएगी, ताकि सीमा पार आतंकवाद पर रोक लगाई जा सके।”

    ख़ुफ़िया विभाग करता है इंतजाम

    ईरानी सेना के कमांडर अली जाफरी ने पाकिस्तान को आतंकवादियों को समर्थन करने पर चेतावनी दी है। पाकिस्तान को जानना चाहिए कि वह पाक ख़ुफ़िया विभाग को आतंकी संगठन जैश अल ज़ुल्म के लिए वित्तीय सहायता के लिए वित्तीय मदद मुहैया करता है और यह उनके लिए एक भारी अदाएगी होती है। पाकिस्तान के रक्षा संगठन आतंकियों की छिपने की जगहों को जानते हैं लेकिन मूर्त बने रहते हैं।”

    अफगानिस्तान में ख़ुफ़िया विभाग के पूर्व प्रमुख ने कहा कि “पाकिस्तान का ख़ुफ़िया विभाग अपने पड़ोसी मुल्कों के लिए 45-48 आतंकी समूहों को समर्थन और पनाह देता है। पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल एक औजार और युक्ति के तहत कर रहा है। भारत को बालाकोट हवाई हमला पहले ही कर देना चाहिए था। मुझे उम्मीद है कीरण जैश ए अद्ल के खिलाफ कार्रवाई करेगा।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *