पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने अमेरिका की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ देश पर थोपी गयी जंग को वह दोबारा लड़ने की भूल नहीं करेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति ने हाल ही पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि आतंकवाद से लड़ने में इस्लामाबाद को मदद नहीं कर रहा है। इमरान खान ने मीडिया से मुखातिब होकर कहा कि हमने अपने वतन में एक थोपी हुई जंग लड़ी, इस जंग की हमें खून और पसीने से महंगी कीमत चुकानी पड़ी और हमने अपने सामाजिक आर्थिक ढाँचे को गँवा दिया था।
इमरान खान ने कहा कि अब पाकिस्तान की सरजमीं पर कोई थोपा हुआ युद्ध नहीं लड़ा जायेगा। इमरान खान आदिवासी जनजाति के लिए उत्तरी वजीरिस्तान के जिले की यात्रा पर गए थे, जो किसी समय में तालिबान चरमपंथियों का गढ़ हुआ करता था। इमरान खान के साथ सेनाध्यक्ष जावेद कमर बाजवा के साथ गए थे।
पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री ने आतंकियों के खिलाफ सफल अभियान के लिए सेना, अन्य सुरक्षा बल और ख़ुफ़िया एजेंसियों की तारीफ़ की थी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जितना पाकिस्तान की सेना और ख़ुफ़िया एजेंसियों ने किया है उतना किसी अन्य देश या उनकी सेना नहीं किया होगा।
डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कहा कि पाकिस्तान की 1.3 बिलियन डॉलर की मदद राशि तब तक बहाल नहीं की जाएगी, जब तक पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर पनपे चरमपंथियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाती है। अफगानिस्तान में अमेरिका और तालिबानी चरमपंथियों की साल 2001 से लड़ाई चल रही है, अब अमेरिका इस तंग देश से बाहर निकलने की रणनीति तैयार कर रही है। अमेरिका ने हाल ही में तालिबान के साथ सीधे बातचीत की प्रक्रिया की शुरुआत की थी।
इस आदिवासी दौरे के दौरान इमरान खान ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता का वादा किया था। उन्होंने कहा कि सीमा पार हम शांति के लिए हैं। उन्होंने कहा कि अफ्गानोस्तान में शांति के लिए हम अन्य शांति दूतों से साथ अपना किरदार निभायेंगे। प्रधानमन्त्री ने स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और आदिवासी जिले के नए प्रशासन से सम्बंधित कई परियोजनाओं का ऐलान किया था।
इमरान खान ने उत्तरी और दक्षिणी वजीरिस्तान के जिलों में मेडिकल अस्पताल के साथ कॉलेज स्थापित करने का भी ऐलान किया, उत्तरी वजीरिस्तान में यूनिवर्सिटी, सैन्य कैडेट कॉलेज व अन्य परियोजनाओं के निर्माण की घोषणा की थी।