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    सीआईए निदेशक अमेरिका पाकिस्तान

    अमेरिका की केन्द्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) ने पाकिस्तान को चेतावनी जारी की है। सीआईए ने पाकिस्तान को कहा है कि वो आतंकवाद के खिलाफ पुरजोर कार्रवाई करे व आतंकवादियों को सुरक्षित आश्रय देना बंद करे अन्यथा अमेरिका को इस पर कार्रवाई करनी पड़ेगी। ये चेतावनी अमेरिका की तरफ से ऐसे समय पर आई है जब अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस सोमवार को इस्लामाबाद पहुंचने वाले है।

    दरअसल सीआईए के निदेशक माइक पोम्पो ने पाकिस्तान को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान देश में कथित आतंकियों के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाए गए तो अमेरिका खुद आतंकवादियों को खत्म करने के लिए मजबूर हो जाएगा।

    माइक पोम्पो ने चेताते हुए पाकिस्तान को कहा है कि वो आतंकवादियों को सुरक्षित आश्रय देना बंद करे अन्यथा अमेरिका को आवश्यक कदम उठाने पडेंगे।

    माइक के इस बयान पर हालाँकि अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मट्टीस ने पाकिस्तान का बचाव करते हुए कहा है इस मामले को शान्ति से सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा, “विवादों को इस तरह नहीं सुलझाना चाहिए। मुझे लगता है कि हम (अमेरिका और पाकिस्तान) मिलकर कोई रास्ता निकालें, और उसपर काम करें।”

    जाहिर है अमेरिका पिछले काफी समय से पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ चेतावनी दे रहा है। इसी साल राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी अफगानिस्तान नीति में पाकिस्तान को सीधे तौर पर कहा था कि पाकिस्तान आतंकवादियों को शरण दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि अफगानिस्तान विवाद को सुलझाने में पाकिस्तान बिलकुल भी मदद नहीं कर रहा है।

    सीआईए निदेशक ने शनिवार को कैलिफोर्निया में रीगन नेशनल डिफेंस फोरम में पाकिस्तान को चेतावनी दी। माइक पोम्पो ने कहा कि रक्षा सचिव, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इरादे को पाक को पूरी तरह से स्पष्ट कर देगा। अफगान नीति के बारे में पाक को प्यार से समझाया जाएगा अन्यथा अमेरिकी को अपने हिसाब से कदम उठाने पडेंगे।

    अमेरिकी रक्षा सचिव आएंगे इस्लामाबाद

    गौरतलब है कि अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस सोमवार को अफगानिस्तान मुद्दे पर बात करने के लिए पाकिस्तान पहुंचेंगे। इस दौरान अफगानिस्तान में अमेरिका की नई रणनीति पर चर्चा करेंगे और इस पर समर्थन लेने के लिए पाक अधिकारियों के साथ वार्ता करेंगे।

    गौरतलब है कि अफगानिस्तान में जारी आतंकी गतिविधियों को खत्म करने के लिए अमेरिका पूरा प्रयास कर रहा है। हक्कानी नेटवर्क व अन्य आतंकवादियों के संबंध पाकिस्तान से पाए गए है।

     

    साल 2001 में जब अमेरिका ने अफगानिस्तान में लड़ाई शुरू की थी, तबसे पाकिस्तान अमेरिका का एक महत्वपूर्ण साथी रहा है। इस दौरान अमेरिका ने अरबों डॉलर की सहायता राशि पाकिस्तान को मुहैया कराई है। हालाँकि अमेरिका का मानना है कि पाकिस्तान ने इस संदर्भ में अमेरिका की कोई मदद नहीं की है।

    हाल ही में अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के कमांडर ने कहा था कि तालिबान के आतंकवादी पाकिस्तान में बड़े आराम से रह रहे हैं। उन्होंने कहा था कि ट्रम्प के अफगानिस्तान भाषण को 100 दिन से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी तक पाकिस्तान ने कुछ भी नहीं किया है।