पाकिस्तान ने विमानन नियमों का उल्लंघन करते हुए अफगानिस्तान में भारतीय विमान को उड़ने से रोकने का प्रयास किया था। हालिया दुर्घटना के अनुसार पाकिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी ने अफगानिस्तान के लिए स्पाइसजेट कार्गो फ्लाइट को दिसंबर के माह में एक बार रोका है और जनवरी में 11 और 14 तारीख रोका था। भारत ने इस मसले को इस्लामाबाद के समक्ष उठाया था।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को एक मौखिक नोट भेजा है। भारत अफगानिस्तान और दुनिया के दूसरे देशों तक अपनी पंहुच बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। पाकिस्तान ने भारत और अफगानिस्तान के मध्य रास्ते को ब्लॉक कर दिया है। भारत और अफगानिस्तान के बीच वायु गलियारे का स्थापना साल 2017 में हुई थी। यह अफगानिस्तान को दिल्ली और मुम्बई से जोड़ता है।
ईरान मव चाहबार बंदरगाह का निर्माण भारत की मदद से किया जा रहा है, जो अफगानिस्तान के उत्पादों को विश्व तक पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होगा। 13 जनवरी को उज़्बेकिस्तान में हुए मध्य एशिया अफगानिस्तान वार्ता में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारत, ईरान और अफगानिस्तान के संयुक्त प्रयास से ईरान में चाहबार बंदरगाह का कार्य सम्पन्न हो रहा है, यह व्यापार मार्ग अफगानिस्तान को मध्य एशिया से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि चाहबार एक उदाहरण है कि सभी परेशानियों को पार कर कैसे हमने एक मज़बूत साझेदारी हासिल की है।
भारत ने चाहबार बंदरगाह का इस्तेमाल कर अफगानिस्तान को गेहूं भेजे थे। मध्य एशिया के देश भी चाहबार से संतुष्ट नज़र आ रहे हैं। भारत मे नियुक्त उज़्बेकिस्तान में राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान में रेलवे प्रोजेक्ट से उज़्बेकिस्तान को चाहबार से जोड़ा जा सकता है। ईरान ने चाहबार डे इंटेरनेशनल कांफ्रेंस के आयोजन 26 फरवरी को किया है। भारत ने इन प्रोजेक्ट पर 3 अरब डॉलर का निवेश किया और यह भारत की मज़बूत भूमिका को दर्शाता है। अफगानिस्तान को डोनेट करने में भारत क्षेत्रीय देशों में सबसे आगे हैं।