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    पदार्थ की अवस्थाएं states of matter in hindi

    विषय-सूचि

    पदार्थ की परिभाषा (definition of matter in hindi)

    पदार्थ (matter) ब्रह्मांड की “विषय वस्तु” है। प्रत्येक वह वस्तु जो स्थान घेरती है तथा जिसका द्रव्यमान होता है पदार्थ या द्रव्य कहलाती है। हमारे चारों तरफ पायी जाने वाली सभी वस्तुएं जो ज्ञानेन्द्रियों द्वारा अनुभव कर सकते हैं, पदार्थ है।

    हालांकि इसमें द्रव्यमान रहितकण जैसे- फोटॉन, अन्य ऊर्जा घटनाएं (energy phenomenon) तथा तरंगें जैसे- प्रकाश या ध्वनि शामिल नहीं हैं।

    पदार्थ की अवस्थाएं (states or phases of matter)

    ताप तथा दाब की विभिन्न परिस्थितियों पर मुख्य रुप से पदार्थ 5 अवस्थाओं में पाया जाता हैः

    1. ठोस (Solid in hindi) :

    ठोस (solids in hindi)

    ठोस, पदार्थ की वह अवस्था है जिसमें उसका आयतन तथा आकार दोनों निश्चित होता है। ठोस कणों के बीच लगने वाले बल इतने प्रबल होते हैं कि इनके घटक कण (परमाणु/अणु/आयन) किसी भी प्रकार की स्थानांतरीय गति (translational motion) नहीं कर पाते हैं [यद्यपि काम्पनिक (vibrational) और घूर्णन (rotational) गति हो सकती है] औऱ इसी कारण आकार मे निश्चित होते हैं तथा जिस कन्टेनर मे रखे जाते हैं ,उसका आकार ग्रहण नहीं करते हैं।

    ठोस पदार्थों का एक निश्चित त्रिविमीय क्रिस्टल जालक होता है अतः संपीड़ित (compressed) करने पर इनका आयतन परिवर्तित नहीं होता है। ठोस पदार्थों में अंतराकणीय दूरी (interparticle distance) न्यूनतम होती है तथा इनकी संपीड्यता (compressibility) भी बहुत कम होती है।

    ठोस पदार्थों का मुक्त प्रसार (free expansion) नहीं होता है जबकि तापीय प्रसार भी बहुत कम होता है एवं दृढ़ होने के कारण इन में बहने का गुण नहीं पाया जाता है।

    2. द्रव (Liquid in hindi):

    तरल (liquid in hindi)

    द्रव अवस्था में कणों की गतिज ऊर्जा ठोस अवस्था की अपेक्षा कम होती है। द्रव अवस्था में कणों का कोई निश्चित व्यवस्थापन (arrangement) नहीं होता है फिर भी यह कण इतने समीप होते हैं कि इनका आयतन  निश्चित होता है।

    द्रव अवस्था में अंतराकणीय बल इतने प्रबल होते हैं कि हैं कि घटक कणों को एक निश्चित सीमा रेखा में बांधकर रखते हैं किंतु यह कण इन्ही सीमाओं के अंदर स्थानांतरीय गति करते हैं। अतः इनका आकार निश्चित नहीं होता है तथा यह जिस कंटेनर में रखे जाते हैं उसी का आकार ग्रहण कर लेते हैं।

    द्रव पदार्थों की संपीड्यता ठोस की तरह ही कम होती है। द्रव पदार्थों में मुक्त प्रसार नहीं होता है तथा तापीय प्रसार कम होता है। यह ठोसों से  निम्न घनत्व के होते हैं तथा इनमें बहने का गुण पाया जाता है।

    3. गैस (gases in hindi)

    गैस (gases in hindi)

    यह पदार्थ की सबसे सरल अवस्था है। इसमें घटक कणों के मध्य  आकर्षण बल कार्य नहीं करता है जिससे यह कण स्वतंत्र रूप से  गति करने के लिए मुक्त होते हैं। इन के कणों में किसी भी स्थान को पूरी तरह से भरने की प्रवृत्ति होती है अतः इनका आकार एवं आयतन निश्चित नहीं होता है।

    गैस अवस्था में अंतराकणीय दूरी पदार्थ की अन्य अवस्थाओं की अपेक्षा अधिकतम होती हैं। गैसों की संपीड्यता उच्च होती है तथा इसी कारण दाब बढ़ाने पर इनका आयतन घटता है। इनमें अनंत तक प्रसार होता है एवं इनका तापीय प्रसार भी उच्च होता है।

    गैस के अणुओं के बीच लगने वाले अंतराणुक बलों के क्षीण होने के कारण गैसों के घनत्व कम होते हैं। गैसों की गुणों की व्याख्या उसकी मात्रा ताप दाब एवं आयतन के पदों में की जाती है।

    4. प्लाजमा (Plasma in hindi):

    प्लाजमा (Plasma)

    प्लाज्मा एक गर्म आयनित गैस है जिसमें धनात्मक आयनों और ऋणात्मक आयनों की लगभग बराबर संख्या होती है। प्लाज्मा की विशेषताएं सामान्य गैसों से काफी अलग हैं इसलिए प्लाज्मा को पदार्थ की चौथी अवस्था माना जाता है। उदाहरण के लिए, क्योंकि प्लाज्मा विद्युत रूप से आवेशित कणों से बने होते हैं, इसलिए वे विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों से काफी प्रभावित होते हैं जबकि सामान्य गैस ऐसा नहीं करते हैं। प्लाज्मा में धनावेश और ऋणावेश की स्वतंत्र रूप से गमन करने की क्षमता प्लाज्मा को विद्युत चालक बनाती है।

    गैस की तरह प्लाज्मा का कोई निश्चित आकार या निश्चित आयतन नहीं होता ,लेकिन गैस के विपरीत किसी चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में यह एक फिलामेंट, पुंज या दोहरी परत जैसी संरचनाओं का निर्माण करता है।

    5. बोस-आइंस्टीन कन्डनसेट (Bose-Einstein condensate in hindi):

    बोस-आइंस्टीन कन्डनसेट (Bose-Einstein condensate in hindi)

    इसको जानने से पहले यह  बोसॉन कण के बारे में जानना जरूरी है।

    ब्रह्मांड में प्रत्येक कण को दो श्रेणियों में से एक में रखा जा सकता है – फर्मियन (fermions) और बोसोन्स (bosons)। आपके आस-पास के अधिकांश पदार्थों के लिए फर्मियन ज़िम्मेदार हैं, क्योंकि उनमें इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन शामिल हैं। जब आप एक साथ कई फर्मियन मिलते हैं, तो वे एक बोसोन बन सकते हैं।

    बोस-आइंस्टाइन संघनित(Bose–Einstein condensate) पदार्थ की एक अवस्था जिसमें बोसॉन की तनु गैस को परम शून्य ताप (0 K या −273.15 °C) के बहुत निकट के ताप तक ठण्डा कर दिया जाता है।पदार्थ की इस अवस्था की सबसे पहले भविष्यवाणी 1924-25 में सत्येन्द्रनाथ बोस ने की थी। अतः उन्हीं के नाम पर इस पदार्थ का नाम रखा गया है।

    पदार्थ की अवस्था के निर्धारक (factors affecting state of matter in hindi):

    1. अन्तराण्विक बल (inter-molecular forces in hindi):

    वे बल जो किसी पदार्थ के अणुओं के मध्य कार्य करते हैं, अंतराणविक बल कहलाते हैं। यह बल रासायनिक बंधुओं की तुलना में  अधिक क्षीण होते हैं।

    इन बलों की प्रबलता पदार्थों की भौतिक अवस्था को निर्धारित करती है तथा प्रबलता बढ़ने के साथ-साथ पदार्थ की गैसों से द्रव तथा द्रव से ठोस अवस्था प्राप्त करने की प्रवृत्ति बढ़ती जाती है। इन बलों को सामूहिक रुप से वांडरवाल्स बल भी कहते हैं।

    2. ऊष्मीय ऊर्जा (Thermal energy in hindi):

    किसी अणु की चाल उसके ताप पर निर्भर करते है तथा ताप बढ़ने के साथ-साथ कण की गतिज ऊर्जा भी बढ़ती है एवं ठोस अवस्था से गैस अवस्था प्राप्त करने की प्रवृत्ति बढ़ती है।

    पदार्थ की अवस्थाओं से सम्बंधित यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो उसे नीचे कमेंट में लिखकर हमसे पूछ सकते हैं।

    20 thoughts on “पदार्थ की 5 अवस्थाएं : परिभाषा, जानकारी”
    1. पदार्थ की 5 अवस्थाएं का यह लेख छात्रों के लिए बहुत मददगार है. किताब में समझ में नहीं आता और टीचर भी नहीं समझाता है. कृपया केमिस्ट्री के बाकी विषयों के बारे में भी आर्टिकल लिखिए. 8वी की केमिस्ट्री में बहुत से हार्ड टॉपिक है जो समझ में नहीं आते.

      1. शुक्रिया अभिमन्यु जी, यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ इस बात की हमें प्रसन्नता है। हमने chemistry के अन्य topics के बारे मे भी लिखा है और आगे भी लिख रहे हैं। उम्मीद करते हैं वो topics भी आपके लिए मददगार साबित होंगे।

        1. thanks mujhe padharth ki pancho avasthai ke bare me batane ke liye.

          and this is very important toics for students.

      1. Hr ek matter kayi prakar ke particles se milkar bna hota hai. Matter ke andar ye particles kayi type ke motion krte rahte hai. To particles ke motion ke karan jo energy kisi matter me hoti hai use hi thermal energy kahte hai. Kyonki ye energy particles ke movement ke karan hai, isiliye ye kinetic energy ka hi ek type hai.
        Matter ke state ko decide krne me iska role hai. Kuki particles ki movement gas me sbse jyda, usse km liquid me aur sbse km solid me hoti hai. Is prakar movement yani thermal energy ke basis pr matter ki state decide hoti hai.
        I hope that it will prove helpful?

    2. पदार्थ की पांचवी अवस्था के बारे में थोड़ी ज्यादा जानकारी दीजिये सर.

    3. क्या प्रकाश को भी पदार्थ बोला जा सकता है

    4. वे बल जो किसी पदार्थ के अणुओं के मध्य कार्य करते हैं, अंतराणविक बल कहलाते हैं। यह बल रासायनिक बंधुओं की तुलना में अधिक क्षीण होते हैं।

      इन बलों की प्रबलता पदार्थों की भौतिक अवस्था को निर्धारित करती है तथा प्रबलता बढ़ने के साथ-साथ पदार्थ की गैसों से द्रव तथा द्रव से ठोस अवस्था प्राप्त करने की प्रवृत्ति बढ़ती जाती है। इन बलों को सामूहिक रुप से वांडरवाल्स बल भी कहते हैं।

      2. ऊष्मीय ऊर्जा (Thermal energy in hindi):
      किसी अणु की चाल उसके ताप पर निर्भर करते है तथा ताप बढ़ने के साथ-साथ कण की गतिज ऊर्जा भी बढ़ती है एवं ठोस अवस्था से गैस अवस्था प्राप्त करने की प्रवृत्ति बढ़ती है।

      पदार्थ की अवस्थाओं से सम्बंधित यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो उसे नीचे कमेंट में लिखकर हमसे पूछ सकते हैं।

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