पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या करने पर सऊदी अरब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेल रहा है। सऊदी अरब के अधिवक्ता ने बताया कि पत्रकार की हत्या के मामले में पांच अधिकारियों को मौत की सजा हो सकती है लेकिन इससे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का कोई नाता नहीं है।
पत्रकार जमाल खशोगी अपने निकाह संबंधित दस्तावेजो के लिए तुर्की के इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में गए थे। दूतावास में उनकी हत्या कर दी गयी थी। सऊदी अरब ने कबूल किया था कि पूछताछ के दौरान पत्रकार की मौत हो गयी थी। अमेरिका ने कहा कि पत्रकार के हत्यारों को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी।
सऊदी अरब के प्रवक्ता ने पहली बार पत्रकार को हत्या के मामले का खुलासा करते हुए कहा कि पत्रकार को ड्रग दी गयी थी और उसके बाद पत्रकार की याददाश्त चली गयी थी। प्रवक्ता ने कहा कि पत्रकार के शव के टुकड़े दूतावास के बाहर खड़े एक एजेंट को सौंप दिए गए थे। उन्होंने इनकार किया कि क्राउन प्रिंस को पत्रकार की हत्या के बाबत जानकारी थी।
सऊदी अरब की आधिकारिक सूचना के मुताबिक अधिवक्ता ने इस जुर्म में सम्मिलित पांच दोषियों को मौत की सज़ा देने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि इस जुर्म में 21 लोग सम्मिलित थे। तुर्की ने बुधवार को इस हत्या की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय जांच करने का अनुरोध किया था। तुर्की ने पत्रकार को हत्या से संबंधित ऑडियो रिकॉर्डिंग को कई देशों को सौंप दी थी।
तुर्की के राष्ट्रपति रिच्चप तैयप्प एर्डोगन ने बताया कि पत्रकार को हत्या के आदेश सऊदी के हाई कमान ने दिए थे। उन्होंने कहा था कि पत्रकार को हत्या पूर्व नियोजित थी जिसे अंजाम देने के लिए सऊदी से 15 लोगों की एक टीम आई थी।
तुर्की ने दावा किया था कि उनके पास पत्रकार की हत्या से संबंधी ऑडियो रिकॉर्डिंग है और इससे साबित हो जाएगा कि हत्या हाई कमान के इशारे पर की गई थी। अमेरिका ने रिकॉर्डिंग में प्रिंस सलमान के शामिल होने के सबूतों से इनकार किया था।