पत्रकार जमाल खाशोग्गी की हत्या की आलोचनाएं झेल रहे सऊदी अरब को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नें तीखे शब्दों में कहा कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस को पत्रकार की हत्या की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अमेरिका सऊदी अरब पर जल्द कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाना चाहता है।
अमेरिका के वाल स्ट्रीट जर्नल ने सऊदी के क्राउन प्रिंस के निवेश सम्मेलन में शरीक होने से पूर्व यह खबर प्रकाशित की थी। सऊदी में उच्च स्तर का निवेश सम्मेलन आयोजित हुआ था। अलबत्ता पत्रकार की हत्या के बाद दिग्गज निवेश कंपनियों और राष्ट्रों ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया था।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन के सलाहकार ने कहा कि सऊदी अरब के राजकुमार सलमान के हाथ खून से रंगे हैं। उन्होंने कहा भविष्य का सऊदी अरब का हुक्मरान पत्रकार की हत्या में शामिल है। हालांकि सऊदी ने डोनाल्ड ट्रम्प और तुर्की के राष्ट्रपति के आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं है।
रियाद ने सऊदी अरब के पत्रकार की हत्या को छली अभियान बताया और कहा कि क्राउन प्रिंस सलमान को इस हत्या के बाबत कोई जानकारी नहीं थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि उन्हें सऊदी अरब के राजकुमार के बयानों पर यकिन होता है। राजकुमार सलमान ने कहा था कि इस हत्या में इस्तांबुल दूतावास के निम्न पदों पर तैनात अधिकारियों का कसूर है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि आला अधिकारियों को इस जुर्म की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रिंस राष्ट्र की सभी गतिविधियों को नियंत्रण करते हैं तो यदि कोई अनहोनी होती है तो वही कसूरवार होंगे।
जमाल खासोग्गी अमेरिका के पत्रकार थे और उनकी हत्या सऊदी अरब के दूतावास में हुई थी। सऊदी अरब ने शुरुआत में पत्रकार की हत्या का आरोप स्वीकारने से इनकार कर दिया था। लेकिन तुर्की की पुलिस के दावे और अमेरिका के दबाव के बाद सऊदी ने स्वीकार किया कि पत्रकार की मौत पूछताछ के दौरान सऊदी दूतावास में हुई थी।
अमेरिका ने सऊदी के संदिग्ध 21 आरोपियों के वीजा पर पाबन्दी लगा दी है। तुर्की के जाँच अधिकारियों के मुताबिक दूतावास में पत्रकार की हत्या कर शव के छोटे-छोटे टुकड़े किए गए थे। सऊदी ने कहा था कि पत्रकार के शव की जानकारी उनके पास नहीं है।
सऊदी अरब के 18 विभिन्न विभागों के अधिकारी इस जुर्म में संलिप्त है। दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक के साथ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ठनी हुई है।