सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खाशोग्गी की हत्या के कबूलनामे से अमेरिका सहित कई अन्य पश्चिमी देश खफा है। हो सकता है यह नाराज़गी महज चंद दिनों की हो क्योंकि सऊदी विश्व का सबसे विशाल तेल निर्यातक है लेकिन सऊदी के खिलाफ आक्रोश का माहौल तैयार हो रहा है।
पोलीटिको वेबसाइट के मुताबिक अमेरिका ने रियाद पर कथित गुस्सा दिखाते हुए पत्रकार की हत्या में लिप्त अधिकारियों के अमेरिकी वीजा रद्द कर दिये हैं। अलबत्ता तुर्की का मानना है कि अमेरिकी आला अधिकारियों के इशारे पर ही पत्रकार की बर्बरता से हत्या की गई है।
तुर्की के राष्ट्रपति रिच्चप तैयप ने कहा था कि पत्रकार की हत्या एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत की गई है। सऊदी के नेता इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि बर्बरता से 59 वर्षीय पत्रकार की हत्या करने का विचार बेहद बकवास था। इसे बेहूदा तरीके से अंजाम दिया गया और इसे छिपाने का तरीका तो इतिहास का सबसे बदतर तरीका था। यह पूर्णत नाकामयाब रहा।
अमेरिका के विभाग ने बताया कि सऊदी अरब के 21 लोगों की पहचान की गयी है जिनका अमेरिका का वीजा या रद्द कर दिया जायेगा या फिर भविष्य में वे अमेरिका आने के लिए अयोग्य होंगे।
पत्रकारों से मुखातिब होकर माइक पोम्पेओ ने कहा कि इस घृणित कृत्य पर सिर्फ जुर्माना नाकाफी है। उन्होंने कहा अमेरिका कतई बर्दास्त नहीं करेगा कि हिंसा का प्रयोग कर किसी की आवाज़ दबाई जाये।
संदिग्धों की फेरहिस्त में सऊदी अरब के ख़ुफ़िया विभाग, राजशाही अदालत, विदेश मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के अधिकारी शामिल है।
माइक पोम्पेओ ने कहा कि कानून के दायरे में रहकर इस कृत्य के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। इससे पूर्व रुसी हिरासत में भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारी की मौत हो गयी थी। पत्रकार की मौत के आरोपियों पर अमेरिका आर्थिक प्रतिबन्ध लगाएगा।
नृशंस हत्या
अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेन्स ने कहा था कि यह वाकई एक नृशंस हत्या थी। उन्होंने कहा तुर्की इलज़ाम लगाने से अच्छा जांच जल्द खत्म कर सऊदी अरब को उनके गुनाहगार होने के सबूत दे।
शुरुआत में सऊदी अरब नें हत्या का गुनाह कबूल करने से इनकार कर दिया और कहा कि पत्रकार दूतावास से बाहर चला गया था। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण सऊदी ने इस हत्या को भूल बताकर गुनाह कबूल कर लिया था।
तुर्की की जांच के मुताबिक सऊदी अरब से पत्रकार की हत्या के लिए 15 लोगो की टीम आई थी। उन्होंने कैमरा को बंद कर पत्रकार को दूतावास में ही मार डाला।
इस हत्या के बाद दूतावास के लोगों ने पत्रकार के जिस्म के छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए थे। तुर्की का दावा है कि उनके समक्ष मर्डर की ऑडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है।