चंडीगढ़, 21 अगस्त (आईएएनएस)| पंजाब के 300 गांव सतलुज नदी में आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इनमें से अधिकांश रोपड़, जालंधर और फिरोजपुर जिलों में हैं।
बाढ़ से हजारों एकड़ फसल नष्ट हो गई है और हजारों ग्रामीणों को छत पर सोने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों को भोजन और पानी की आपूर्ति के लिए बुधवार को अधिकारियों ने हेलीकॉप्टरों का इंतजाम किया।
रोपड़ जिला प्रशासन ने गुरुवार तक सभी शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया है।
सरकार ने राज्य में मौजूदा बाढ़ की स्थिति को प्राकृतिक आपदा घोषित किया है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को वित्तीय आयुक्त से आधिकारिक तौर पर गांवों में प्राकृतिक आपदा घोषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित लोगों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए बीमा कंपनियों से दावा करने संबंधी सुविधा प्रदान करने के लिए निर्देश जारी किए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग से संबंधित उपायुक्तों के माध्यम से करीब 100 करोड़ रुपये के लंबित राहत कोष को भी तुरंत जारी करने को कहा।
राज्य ड्रेनेज विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ब्यास और रावी नदियों की स्थिति नियंत्रण में हैं, जबकि सतलुज नदी से सटे इलाकों में खतरा बना हुआ है।
प्रभावित लोगों को मदद मुहैया कराने के लिए भारतीय सेना की खाद्य राहत टीमें पंजाब और हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में बचाव अभियान चला रही हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि 60 से 70 लोगों की अलग-अलग टीमें मिरथल (पठानकोट), दीनानगर (गुरदासपुर), फिल्लौर, नकोदर, जालंधर के शाहकोट सहित हरियाणा के करनाल के पास जरूरी उपकरणों के साथ तैनात की गई हैं।