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    प्लास्टिक बैन

    पटना, 21 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार की राजधानी पटना को कचरामुक्त कर स्वच्छ शहर बनाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। बिहार प्रदूषण नियंत्रण परिषद की ओर से उत्पादों की प्लास्टिक पैकेजिंग करने वाली 400 से अधिक कंपनियों को नोटिस देकर बिक्री स्थल से प्लास्टिक कचरा संग्रह करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा राजधानी को कचरामुक्त करने के लिए लोगों से सुझाव भी मांगे गए हैं।

    बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष ने आईएएनएस को बताया, “परिषद की ओर से उत्पादों की प्लास्टिक पैकेजिंग करने वाली 400 से अधिक कंपनियों को नोटिस देकर बिक्री स्थल से प्लास्टिक कचरा संग्रह करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

    उन्होंने बताया कि पटना में 776 स्वास्थ्य केंद्रों को भी बायो-मेडिकल वेस्ट प्रबंधन नियमावली का पालन करने के लिए नोटिस थमाया गया है। घोष कहते हैं, “पटना के 284 स्वास्थ्य सुविधा केंद्र, 252 डेंटल क्लीनिक, 240 डायग्नोस्टिक सेंटर और पैथोलॉजिकल लैब को नोटिस थमाया गया है।”

    उन्होंने कहा कि पटना शहर से निकलने वाले कचरे के संबंध में सर्वे कराया जा रहा है।

    इस बीच उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुरूप अगामी दो अक्टूबर से ‘प्लास्टिक मुक्त भारत’ बनाने की दिशा में बिहार का भी अहम योगदान होगा। उन्होंने कहा कि एक बार इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक, शादी समारोह एवं अन्य मौकों पर उपयोग होने वाले थर्माकोल से बने कप, प्लेट, चम्मच, थाली, ग्लास आदि सभी सामान को प्रतिबंधित करने के लिए मसौदा अधिसूचना जल्द जारी की जाएगी।

    सुशील मोदी ने कहा कि इस बाबत 600 लोगों ने अपने सुझाव दिए हैं, जिनमें प्लास्टिक उत्पाद निर्माताओं एवं विक्रेताओं के 236 सुझाव हैं। मोदी ने बताया “कोकाकोला कंपनी एवं पटना नगर निगम के बीच प्लास्टिक पैकेजिंग के प्रबंधन के लिए एक समझौता हुआ है।”

    उन्होंने कहा, “कोकाकोला कंपनी उपयोग की गई अपनी बोतलों को एकत्रित कर शीघ्र ही पटना के गर्दनीबाग में उसके प्रबंधन के लिए प्लांट स्थापित करेगी। इसके साथ ही सुधा डेयरी को भी दूध के पाउच को संग्रह कर उसका प्रबंधन करने के लिए कहा गया है।”

    पर्यावरणविद् सुदन सहाय ने बताया कि कचरा वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध पूरे देश में एक साथ लागू करने के साथ इसके निर्माण को ही रोककर इस मुहिम को सफल किया जा सकता है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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