विषय-सूचि
न्यूक्लिअर फिशन की परिभाषा (nuclear fission definition in hindi)
जब कोई भारी न्यूक्लियस दो या अधिक हिस्सों में टूटता है, तो उसके साथ बड़ी मात्रा में ऊर्जा भी उत्तपन होती है। इस न्यूक्लियस के टूटने की प्रक्रिया को न्यूक्लिअर फिशन (परमाणु विखंडन) कहते हैं।
यह प्रक्रिया स्वाभाविक अथवा प्रेरित हो सकती है। स्वाभाविक प्रक्रिया ही रेडियोधर्मी क्षय ( रेडियोएक्टिव डीके ) भी कहलाती है। प्रेरित प्रक्रिया को प्रारंभ करने हेतु एक तेज़ न्यूट्रॉन की आवश्यकता होती है।
न्यूक्लिअर फिशन को समझने के लिए बंधन ऊर्जा (बाइंडिंग ऊर्जा) की जानकारी होना आवश्यक है।
यहाँ नीचे दी गयी विडियो में आप देख सकते हैं, कि किस प्रकार जब एक यूरेनियम का अणु टूटता है, तो एक बड़ी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है।
बाइंडिंग ऊर्जा (binding energy in hindi)
किसी भी न्यूक्लियस को तोड़ने के लिए ज़रूरी ऊर्जा को बाइंडिंग ऊर्जा कहते हैं। यह ऊर्जा दो परमाणुओं के बीच रसायनिक बंधन या इलेक्ट्रान न्यूक्लियस के बंधन की ऊर्जा से बहुत ज़्यादा होती है। जिस कारण न्यूक्लियस के टूटने पर भयानक मात्रा में ऊर्जा पैदा होती है।
हर न्यूक्लियस का फिशन संभव नहीं। कुछ ही ऐसे न्यूक्लियस होते हैं, जो सरलता से टूटते हैं। ये टूटना बाइंडिंग ऊर्जा प्रति न्युक्लियौन ( प्रोटोन और न्यूट्रॉन को न्युक्लियौन कहते हैं ) पर निर्भर है।
बाइंडिंग ऊर्जा प्रति न्युक्लियौन (binding energy per nucleon in hindi)
यदि एक न्यूक्लियस के सारे प्रोटोन और इलेक्ट्रान का व्यक्तिगत रूप से वज़न किया जाए, तो उनका कुल वज़न उसी न्यूक्लियस से वज़न से ज़्यादा होता है। इसे मास डिफेक्ट कहते हैं। न्युक्लियौनस को साथ लाने से ऊर्जा बाहर निकलती है, जिसके कारण वज़न कम हो जाता है।आइंस्टीन की प्रसिद्ध समीकरण E = mc^2 से पता चलता है कि निकली हुई ऊर्जा मास डिफेक्ट के अनुपातिक है।
जितनी ज्यादा बाइंडिंग ऊर्जा प्रति न्युक्लियौन उतना ही ज्यादा वह परमाणु स्थिर होगा। पाया गया की मास नंबर ( प्रोटोन और न्यूट्रॉन की कुल संख्या ) 56 के परमाणु (आयरन )की बाइंडिंग ऊर्जा प्रति न्युक्लियौन 8.8 Mev है जो कि सबसे ज़्यादा है। इसलिए वह सबसे ज़्यादा स्थिर भी है। जो भी भारी परमाणु इसके बाद आते हैं, उनकी बाइंडिंग ऊर्जा प्रति न्युक्लियौन कम होत जाती है। इसलिए वह न्यूक्लिअर फिशन के अंतर्गत टूट जाते हैं, ताकि हल्के होके स्थिरता प्राप्त कर सकें।
न्यूक्लिअर फिशन प्रतिक्रिया (nuclear fission reaction in hindi)
यूरेनियम एक रेडियोधर्मी तत्व है जिसे “U” से दर्शाते हैं। जब किसी रेडियोधर्मी परमाणु से एक न्यूट्रॉन टकराता है, वो परमाणु उत्तेजित हो जाता है। और फिर 2 नए परमाणुओं में टूट जाता है, जिन्हें आने वाले न्यूट्रॉन की गति से काइनेटिक ऊर्जा मिलती है। इसके साथ 2 से 3 न्यूट्रॉन और प्रचंड मात्रा में ऊर्जा भी उत्पन्न होती है। जिसका समीकरण कुछ इस प्रकार है –
नए उत्पन्न न्यूट्रॉन पुनः किसी U परमाणु से मिलते है और फिर वही प्रक्रिया दोहराती है। इस तरह एक निरंतर चलने वाली रिएक्शन शुरू होती है। यह तब तक नही रुकती जब तक U समाप्त नहीं होता। निकलने वाली ऊर्जा पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधनों से कई मिलियन गुना ज़्यादा होती है।
सोखने वाले तत्वों का प्रयोग कर ये ध्यान रखा जाता है कि 2-3 में से केवल 1 ही न्यूट्रॉन बचे,जो दूसरे U से जाके मिल पाए।
न्यूक्लिअर फिशन का प्रयोग (nuclear fission uses in hindi)
प्राकृतिक ईंधनों की कमी और ऊर्जा का लगातार बढ़ती हुई मांग से पूरा विश्व ग्रसित है। इसी ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए न्यूक्लिअर फिशन को एक अच्छे विकल्प की तरह देखा जा रहा है।
फिशन से मिलने वाली ऊर्जा से बिजली बनाई जा सकती है। इसमे ऊर्जा को स्टोर और ट्रांसपोर्ट की समस्याएँ भी नहीं आती।
न्यूक्लिअर फिशन के नुकसान (nuclear fission disadvantages in hindi)
- फिशन के बाद जो नए परमाणु बनते है, वह रेडियो धर्मी होते हैं, जो जीवित जनों के लिए हानिकारक होता है।
- इस न्यूक्लिअर कचरे को निपटना भी एक मुश्किल कार्य है।
- इस ऊर्जा का दुष्प्रयोग भी किया जा सकता है – जैसे परमाणु बम।
इस विषय से सम्बंधित यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेन्ट में लिख सकते हैं।
Mera naam sonu h m 8th class me padhta hu main ye puchna chata hu ki Kya fission or fusion alag alag hote h?
Jii jii haa fission ka matlb hota ha Jaise koi mili hui chiz ka alg hona aur fusion ka mtlb joind hona jiaise effect karna
nuclear fission reaction kya hotaa hai or iske kya kya uses hote hain? iske real life mein kya uses hote hain??
Kya neuclear fission se prakartik indhan ki kami or badhti jaruraton ko poora kiya ja sakta hai?
Ooo hello ye insaan ke body ke part’s h na ki kisi ghari ke ok