पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि “वह नोबेल शान्ति पुरूस्कार के काबिल नहीं है।” हाल ही में पाकिस्तान की संसद में इमरान खान को नोबेल शान्ति पुरूस्कार से नवाजने का प्रस्ताव रखा गया था। जो इमरान खान की सरकार में विदेश मंत्री ने रखा था।
इमरान खान का शान्ति का प्रस्ताव
I am not worthy of the Nobel Peace prize. The person worthy of this would be the one who solves the Kashmir dispute according to the wishes of the Kashmiri people and paves the way for peace & human development in the subcontinent.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) March 4, 2019
इमरान खान ने कहा कि “जो कश्मीरी जनता की इच्छा के तहत कश्मीर विवाद का समाधान कर देगा और उपमहाद्वीप में शान्ति व मानव विकास के मार्ग को प्रशस्त करेगा, वह इस पुरूस्कार का असल हकदार होगा।”
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने का हवाला देते हुए सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने यह प्रस्ताव रखा था। भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को रिहा करने का ऐलान करते हुए पाक पीएम ने शांति की तरफ कदम उठाया है।
इस प्रस्ताव को रखने के दौरान फवाद चौधरी ने कहा कि “भारत और पाकिस्तान के मध्य जारी तनाव को कम करने के लिए इमरान खान बेहद उम्दा पहल की है। उन्होंने शान्ति प्रयासों के लिए जो तत्परता दिखाई वह दुर्लभ है। पाकिस्तान में शुक्रवार को इमरान खान को नोबल प्राइज से नवाज़ने का ट्वीट ट्रेंड कर रहा था।
अभिनन्दन की रिहाई
पाकिस्तान ने दावा किया कि इमरान खान ने शान्ति को महत्वता देते हुए भारत के विंग कमांडर अभिनन्दन को रिहा कर दिया था। जबकि भारत के मुताबिक पाकिस्तान को यह जिनेवा कन्वेंशन के तहत करना पड़ा था। पाकिस्तान की हिरासत में भारत के विंग कमांडर में वतन वापस लौटकर कहा कि “पाकिस्तान में उनका शारीरिक उत्पीड़न नहीं किया गया लेकिन मानसिक रूप से काफी प्रताड़ना दी गयी है।
इस पर टिपण्णी करते हुए भाजपा के नेता राम माधव ने कहा कि “इमरान खान को नोबेल प्राइज देने का मतलब इस्लामाबाद में आतंकवाद का इस्तेमाल राज्य की नीति होगी।” वही अरुण जेटली ने कहा कि “मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूँ। जब आप सच्चाई को दबाते हैं और दुनिया में बिना पूरी जानकारी के जी रहे होते हैं, यह उसी के अपरिहार्य परिणाम होते हैं।”